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भोपाल में सजी ‘न्याय की अदालत’, 60 खंडपीठों में रखे गए 1.63 लाख से अधिक मामले

भोपाल: न्यायपालिका को आम जनता से जोड़ने और आपसी सहमति से मामलों के त्वरित निराकरण के उद्देश्य से भोपाल में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में आयोजित इस आयोजन की शुरुआत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार श्रीवास्तव ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ की।

60 खंडपीठों में रखे गए 1.63 लाख से ज्यादा मामले

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुनीत अग्रवाल ने जानकारी दी कि इस बार की लोक अदालत में 60 खंडपीठ गठित की गई हैं। इन खंडपीठों के समक्ष कुल 1,63,428 प्रकरणों को निराकरण के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

यह पहल विवादों को जल्दी सुलझाने और न्याय प्रणाली पर भार कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बिजली बिलों में मिल रही बड़ी राहत

ऊर्जा विभाग के निर्देशानुसार लोक अदालत में बिजली संबंधित मामलों में बड़ी राहत दी जा रही है:

  • प्रीलिटिगेशन मामलों में 30% की छूट दी जा रही है।
  • लिटिगेशन मामलों में 20% की छूट प्रदान की जा रही है।
  • साथ ही, 10 लाख रुपए तक के सिविल दायित्व पर लगने वाले 16% चक्रवृद्धि ब्याज में 100% छूट दी गई है।

इससे उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

नगर निगम भी दे रहा छूट, कोर्ट फीस होगी वापस

लोक अदालत के जरिए प्रकरण सुलझाने से एक और फायदा यह है कि संपूर्ण कोर्ट फीस वापस की जाती है। सुनीत अग्रवाल के अनुसार, इससे समय और धन दोनों की बचत होती है।

इसके साथ ही, नगर निगम से जुड़े प्रकरणों में भी छूट दी जा रही है। इससे संबंधित नागरिकों को भी आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है।

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