उज्जैन के काल भैरव मंदिर के पास स्थित शराब की दोनों दुकानें मंगलवार को बंद कर दी गईं। पहले भक्तों को इस बदलाव की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली थी, लेकिन जब वे मंदिर पहुंचे तो उन्हें शराब की दुकानें बंद मिलीं। इसके चलते कई भक्त अपनी श्रद्धा के साथ शराब लेकर आए थे, लेकिन उन्हें मंदिर में शराब की उपलब्धता न मिलने से निराशा का सामना करना पड़ा। मंदिर में रोजाना पांच बार मदिरा का भोग चढ़ाया जाता है, जिसे प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जाती है। हालांकि दुकानों के बंद होने के बावजूद भोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
मध्यप्रदेश के 19 धार्मिक स्थलों पर कुल 47 शराब की दुकानें बंद की गई हैं। इन दुकानों को नगर निगम की सीमा में आने वाली सभी दुकानों के अंतर्गत बंद किया गया है। इनमें से उज्जैन में 17 शराब की दुकानों के अलावा 11 बार भी बंद कर दिए गए हैं। इस फैसले के बाद से इन शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और दुकानों को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट भी नहीं किया गया है।
शराबबंदी के बाद से शराब की बिक्री में वृद्धि देखी जा रही है। अब शराब ब्लैक में दोगुने दाम पर बेची जा रही है। यह स्थिति उन श्रद्धालुओं के लिए समस्या बन गई है, जो शराब चढ़ाने के लिए दूसरे शहरों से शराब लेकर आ रहे हैं। हालांकि, शराब की दुकानों के बंद होने से अवैध तरीके से शराब की बिक्री में वृद्धि हो रही है, जो राज्य सरकार के लिए नई चुनौती उत्पन्न कर रही है।
इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को घेरते हुए कहा कि एक किलोमीटर के बाहर शराब की दुकानें खोलने से क्या फर्क पड़ेगा? अगर शराबबंदी करनी थी, तो इसे पूरे जिले में लागू किया जाना चाहिए था, न कि केवल धार्मिक स्थानों तक सीमित रखा जाए।