
छिंदवाड़ा। एग्रीकल्चर में एमएससी करने के बाद एक सीड्स कंपनी में महज 20 हजार रुपए महीना में नौकरी की। कम तनख्वाह में मन नहीं लगा तो युवक लौट आया गांव और अपने ही खेत में लहसुन की खेती की, जिसमें एक ही बार में 40 लाख रुपए से अधिक कमा लिए। यह युवा किसान हैं छिंदवाड़ा से 25 किमी दूर पौनार गांव के राहुल देशमुख। राहुल बताते हैं इस साल मंहगा बीज होने के बावजूद 13 एकड़ में नई पद्धति से लहसुन की बोवनी की।
120 दिन में मजदूर, पानी, खाद और देखरेख मिलाकर 25 लाख व अन्य खर्च मिलाकर कुल 60 लाख रुपए खर्च हुए। जब थोक बाजार में लहसुन सस्ता था तो थोड़ा इंतजार किया और दाम 300 से 350 रुपए किलो होने पर छिंदवाड़ा, नागपुर, हैदराबाद व तमिलनाडु में करीब एक करोड़ में बेचा।
राहुल बताते हैं, उन्हें सभी खर्च अलग कर 40 लाख से अधिक की आमदनी हुई है। यदि खेती वैज्ञानिक पद्धति से खेती की जाए तो इससे अच्छा कोई व्यापार नहीं है। वह कहते हैं कि एग्रीकल्चर में एमएससी करने के बाद 20 हजार रुपए महीने की तनख्वाह पर नौकरी की। इस दौरान उन्होंने कुछ किसानों को खासा मुनाफा कमाते देखा। उन किसानों से प्रेरित होकर नौकरी छोड़कर किसानी शुरू की। आज वे करीब 150 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
राहुल देशमुख ने 13 एकड़ में फसल लगाई थी और उसने थोक में जिले के अलावा प्रदेश के बाहर बड़े शहरों नागपुर, हैदराबाद में लहसुन बेचा है। इतनी बड़ी आय उसी से हुई है। – जेआर हेड़ाऊ, उपसंचालक कृषि छिंदवाड़ा