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महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का अंतिम स्नान : संगम में श्रद्धालुओं का जनसैलाब, स्नानार्थियों की संख्या 66 करोड़ के पार

प्रयागराज। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बुधवार को महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व श्रद्धा और आस्था के अद्भुत संगम के साथ शुरू हुआ। ‘हर हर महादेव’ के गगनभेदी उद्घोष के बीच तड़के से ही लाखों श्रद्धालु गंगा और संगम में पुण्य स्नान करने उमड़ पड़े। मेला प्रशासन के अनुसार, शाम चार बजे तक 1.32 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जिससे इस महाकुंभ में अब तक स्नान करने वालों की संख्या 66.09 करोड़ तक पहुंच गई।

गुलाब की 120 क्विंटल पंखुड़ियों की पुष्प वर्षा

मेला क्षेत्र में भक्ति की महक को और प्रगाढ़ करने के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं पर गुलाब की 120 क्विंटल पंखुड़ियों की पुष्प वर्षा कराई। पुष्प वर्षा प्रभारी वी के सिंह ने बताया कि कुल छह दौर में प्रत्येक बार 20 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों का छिड़काव किया गया। पहला दौर सुबह आठ बजे शुरू हुआ और अंतिम दौर शाम तक जारी रहा।

महाकुंभ के समापन पर वायुसेना का एयर शो

महाकुंभ पर महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व के दौरान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पूरे आयोजन को महा सलामी दी है। बुधवार दोपहर वायुसेना के विमानों की तेज गर्जना सुन श्रद्धालुओं ने आसमान की ओर देख गर्व और उत्साह से तालियां बजानी शुरु कर दी। इस दौरान लोग जय श्री राम, हर हर गंगे, हर हर महादेव के साथ मोदी-योगी के भी जयकारे लगाने लगे। इसी के साथ वायुसेना के एयर शो के फोटो और वीडियो बनाकर श्रद्धालु सोशल मीडिया पर शेयर करने लगे।

सीएम ने तड़के 4 बजे से ही व्यवस्था की निगरानी की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाशिवरात्रि पर प्रदेशवासियों को बधाई दी और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “महाकुंभ 2025, प्रयागराज में भगवान भोलेनाथ की उपासना को समर्पित महाशिवरात्रि के पावन स्नान पर्व पर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने आए पूज्य साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन। त्रिभुवनपति भगवान शिव और मां गंगा सभी का कल्याण करें। हर हर महादेव।” मुख्यमंत्री स्वयं सुबह चार बजे से नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था की निगरानी करते रहे। गोरखपुर प्रवास के चलते उनके लिए गोरखनाथ मंदिर परिसर में विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया था।

श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

देश-विदेश से श्रद्धालु महाशिवरात्रि पर संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। नेपाल से आए चार किशोर—मनीष मंडल, रब्बज मंडल, अर्जुन मंडल और दीपक साहनी ने अपने चाचा डोमी साहनी के साथ स्नान किया। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से आए चार मित्रों—आकाश पाल, अभिजीत चक्रवर्ती, राजा सोनवानी और अभिषेक पाल ने बताया कि उन्होंने कार से प्रयागराज की यात्रा की और वाहन प्रतिबंध क्षेत्र से पैदल चलकर संगम तक पहुंचे।

शिवालयों में जलाभिषेक के लिए पहुंचे श्रद्धालु

स्नान के बाद श्रद्धालु प्रयागराज के प्रमुख शिवालयों में जलाभिषेक के लिए पहुंचे। सरस्वती घाट के निकट मनकामेश्वर मंदिर, दारागंज का ब्रह्मेश्वर महादेव, शिवकुटी का कोटेश्वर महादेव और अरैल का सोमेश्वर महादेव मंदिर भक्तों से खचाखच भरे रहे। शिवालयों के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मेला और जिला प्रशासन ने महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर ही मेला क्षेत्र और शहर के कई हिस्सों को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित कर दिया था। डीआईजी (कुंभ) वैभव कृष्ण ने बताया कि भीड़ नियंत्रण के लिए पांच प्रमुख शिवालयों पर व्यापक प्रबंध किए गए हैं।

महाकुंभ के ऐतिहासिक स्नान पर्व

हर 12 वर्ष में आयोजित होने वाले महाकुंभ का पहला स्नान पर्व इस वर्ष 13 जनवरी को हुआ था। छह स्नान पर्वों में तीन अमृत स्नान—14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) संपन्न हुए। सभी 13 अखाड़ों के अमृत स्नान के बाद आज महाशिवरात्रि के साथ अंतिम स्नान पर्व सम्पन्न हुआ। हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश की बूंदें जहां-जहां गिरीं, वहां कुंभ का आयोजन होता है। महाकुंभ का यह समापन पर्व न केवल भारत के कोने-कोने से आए भक्तों के लिए एक अलौकिक अनुभव रहा, बल्कि नेपाल सहित पड़ोसी देशों के श्रद्धालुओं ने भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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