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लैंड पुलिंग स्कीम, किसानों को जमीन के बदले व्यावसायिक जमीन देगी सरकार

हाईवे, एक्सप्रेस-वे के बीच-बीच में बनाए जाएंगे औद्योगिक क्लस्टर

अशोक गौतम-भोपाल। नई सड़कें, पुल-पुलिया के निर्माण और अन्य विकास कार्यों में भूमि अधिग्रहण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सरकार लैंड पुलिंग स्कीम लाने की तैयारी कर रही है। इस योजना के तहत किसानों को जमीन के बदले जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। यह जमीन खेती की नहीं बल्कि व्यावसायिक और औद्योगिक होगी। इस स्कीम की ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।

सरकार हाईवे, एक्सप्रेस-वे के आस पास व्यावसायिक और औद्योगिक क्लस्टर तैयार करेगी। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, उन्हें यहां इसी कीमत का भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा। किसान इस भूखंड पर खुद उद्योग लगा सकेंगे अथवा इसे कारोबारियों को भी बेच सकेंगे। मालूम हो कि अटल एक्सप्रेस का काम जमीन के चक्कर में ही अटका हुआ है।

इकोनॉमिक कॉरिडोर बनेंगे

दिल्ली-मुम्बई, एक्सप्रेस-वे, वाराणसी- मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, इंदौर- पीथमपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, सहित प्रदेश से गुजरने वाले सभी बड़े नेशनल हाईवे को इकोनामिक कॉरिडोर के रूप में तैयार किया जाएगा। इन कॉरिडोरों के बीच-बीच में इंडस्ट्रियल हब और शहरों के करीब औद्योगिक क्षेत्र बनेंगे।

फायदे का सौदा

प्रदेश में एक्सप्रेस वे बनाने या फैक्ट्रियां लगाने के लिए सरकार को जमीन की जरूरत होती । कई बार किसान अपनी जमीन देने के लिए राजी नहीं होते। इस स्कीम से सरकार और किसान दोनों को जमीन मिल जाएगी

जॉइंट वैंचर की व्यवस्था

किसानों के साथ जॉइंट वैंचर की भी व्यवस्था होगी। जिस तरह से किसान बिल्डरों के साथ मिलकर कॉलोनी विकसित करते हैं, उसी तरह से निवेशकों के साथ यहां औद्योगिक और कॉलोनी विकसित करके इसे उद्योगों के बेच सकते हैं। यहां सूक्ष्य, लघु एवं मध्यम उद्योग संचालित किए जा सकेंगे।

उप्र में भी इसकी तैयारी

उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के लिए सरकार भी ऐसी नीति तैयार कर रही है जिसमें सरकार किसानों से जमीन लेने के लिए जयपुर मॉडल लागू करने पर विचार कर रही है। इस नीति के तहत किसानों से समझौते के आधार पर जमीन ली जाएगी। जमीन के बदले किसानों को मुआवजा तो मिलेगा ही साथ ही मुख्य मार्ग के किनारे व्यावसायिक जमीन लेने का प्रस्ताव भी दिया जाएगा।

भूमि अधिग्रहण के विरोध के चलते रुका अटल एक्सप्रेस वे : भूमि अधिग्रहण नहीं होने पर अटल एक्सप्रेस-वे परियोजना पिछले पांच साल से शुरू नहीं हो सकी है। भूमि अधिग्रहण को लेकर किसान धरने पर बैठ गए थे, किसानों का कहना है कि उन्हें मुआवजा बाजार दर पर दिया जाए। इसके जमीन के बदले में जो जमीन दी जा रही है ,वह बंजर और अनुपयोगी है। बताया जाता है कि एक्सप्रेस वे बनाने के लिए राशि केन्द्र दे रही है, जबकि भूमि अधिग्रहण का काम राज्य सरकार को करना है।

अधिग्रहण की बाधा दूर होगी

लैंड पुलिंग स्कीम पर कुछ राज्यों का अध्ययन किया जा रहा है। इस स्कीम से सड़कों के नए सिरे से निर्माण, चौड़ीकरण और विकास कार्यों में भूमि अधिग्रहण की बाधा को दूर किया जा सकता है। -अविनाश लवानिया, एमडी, मप्र रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन

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