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हायर पेंशन के लिए 28 साल पुराने रिकॉर्ड खंगाल रहे लाखों एम्पलाई

बंद हो चुके संस्थानों के लिए नहीं गाइडलाइन, कर्मचारी परेशान

राजीव सोनी भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मध्यप्रदेश सहित देश भर से लाखों कर्मचारियों से हायर पेंशन स्कीम चुनने का विकल्प तो मांग लिया है लेकिन राह में कई बाधाएं भी खड़ी हो गई हैं। कर्मचारियों से 28 साल पुराने वेतन संबंधी रिकॉर्ड देने को कहा जा रहा है जबकि ईपीएफओ के पास सभी कर्मचारियों का पूरा रिकॉर्ड मौजूद है। मोदी सरकार ने इस योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है लेकिन लालफीताशाही के चलते कर्मचारी परेशान हो रहे हैं। प्रदेश के बंद हो चुके निगम-मंडल, संस्थान और ऑनरशिप बदल गए संस्थानों के कर्मचारी अधर में हैं। उनके बारे में अभी तक कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं दी गई। हायर पेंशन का विकल्प कर्मचारियों को देने के लिए श्रम मंत्रालय ने दो डेडलाइन बढ़ाई।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि करीब 18-20 लाख लोगों ने ईपीएफओ में ऑनलाइन आवेदन जमा करा दिए लेकिन अब सदस्यों से 1995 के बाद का पीएफ स्टेटमेंट एवं वेतन का रिकॉर्ड मांगा जा रहा है। ज्यादातर कर्मचारियों के पास इतनी पुरानी पे-स्लिप मौजूद नहीं जबकि नियोक्ता और ईपीएफओ के पास सभी कर्मचारियों का पूरा रिकॉर्ड मौजूद है।

कई निगम बंद, अनेक संस्थानों के ऑनर बदले

ऐसे संस्थान जो बंद हो गए अथवा बिक चुके हैं उनके हजारों कर्मचारी अधर में हैं। मप्र में ही राज्य परिवहन निगम, भूमि विकास निगम, तिलहन संघ, राज्य उद्योग निगम सहित बड़ी संख्या में निजी संस्थान बंद हो चुके हैं। कई संस्थानों की ऑनरशिप बदल गई है। ऐसे संस्थानों के कर्मचारियों की संख्या हजारों में हैं। ऐसे सदस्यों के लिए ईपीएफओ ने कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाई।

पुरानी पेंशन स्कीम में मर्ज

हायर पेंशन स्कीम 16 नवंबर 95 के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए लागू की गई है। ईपीएफओ ने पुरानी परिवार पेंशन स्कीम को इसमें ही मर्ज कर दिया है।

लाभ नहीं देने के बहाने

कर्मचारियों की लड़ाई कोर्ट में लड़ रहे मप्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया कहते हैं कि हायर पेंशन नहीं देने के बहाने हैं। कर्मचारी से 28 साल पुरानी पे-स्लिप चाहिए थी तो नौकरी ज्वाइन करते समय ही बता देना था।

कर्मचारियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए

कर्मचारियों के वेतन डिटेल नियोक्ता के पास होना चाहिए, उनसे ही यह जानकारी मांगी गई है। विभाग ने कर्मचारियों से यह ब्योरा नहीं मांगा उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए। बंद हो गए संस्थानों के बारे में मुख्यालय से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं। – अमिताभ प्रकाश, कमिश्नर, ईपीएफओ भोपाल

ईपीएफओ के पास सारा रिकॉर्ड

सरकार हायर पेंशन नहीं देना चाहती इसलिए कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। ईपीएफओ के पास पूरा रिकार्ड है। नियोक्ता हर साल सभी सदस्यों का पीएफ स्टेटमेंट जमा कराते हैं। बंद संस्थानों के बारे में भी स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है। – चंद्रशेखर परसाई ,अध्यक्ष, सेवानिवृत्त ईपीएफ कल्याण समिति

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