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52 गांवों को पानी देने वाला कारम बांध दो साल बाद भी नहीं बना

11 अगस्त 2022 को बारिश के दौरान दीवारें दरकने से आनन-फानन में डैम को तोड़ना पड़ा था

भोपाल। धार में कारम नदी पर बना कारम डैम दो साल पहले बारिश में फूट गया था पर इसे बनाने की फाइल अभी भी धूल में दबी हुई है। विभाग ने बांध के नए सिरे से निर्माण अभी तक पहल ही नहीं की। बांध के निर्माण के तकनीकी सलाहकार केन्द्रीय जल आयोग और जल संसाधन विभाग की हीलाहवाली से किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। जलसंसाधन विभाग के एसीएस राजेश राजौरा से बात करने की कोशिश की पर संपर्क नहीं हो पाया है।

नियुक्ति में उलझी सरकार

नए सिरे से निर्माण में देरी की एक वजह संविदा पर ईएनसी को रखा जाना भी माना जा रहा है। हाल ही में निर्माण प्रक्रिया शुरू होनी ही थी कि इसी दौरान ईएनसी की नियुक्ति को लेकर एक इंजीनियर ने कोर्ट चुनौती दे दी, जिससे स्टे लग गया है।

नहरें भी बनाई जाएंगी

कारम बांध के निर्माण के साथ ही इसके लिए नहरों के निर्माण का भी निर्माण का भी काम शुरू किया जाएगा। हालांकि इस बांध से करीब 15 से 20 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होना है। इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट से उद्योगों को भी पानी दिया जाएगा।

52 गांवों में होगी सिंचाई

इस बांध के पानी से धार जिले के 52 गांव को सिंचाई और पीने के लिए पानी मिलना है। इसके पानी से बांध के आसपास की करीब 10500 हेक्टेयर जमीन जो कि अभी असिंचित है, वह सिंचित होगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा आदिवासियों को होगा।

दो वर्ष और करना होगा किसानों को इंतजार

इस साल फिर कारम बांध से किसानों को सिंचाई और पीने के लिए पानी मिलना मुश्किल लग रहा है। क्योंकि अब तीन-चार माह में फिर बारिश शुरू हो जाएगी। बांध में रिसाव रोकने के लिए सभी जगह पिचिंग का काम भी किया जाना है। बांध की डीपीआर में कुछ संशोधन करने पर भी विचार किया जा रहा है। बांध की ऊंचाई भी कम की जा सकती है। किसानों को कम से कम दो साल तक इंतजार करना होगा।

जानिए क्या हुआ था बांध में

11 अगस्त 2022 को निमार्णाधीन बांध की दीवारें दरक गई थीं, जिससे 15 गांवों को खाली कराना पड़ा था। दो दिन की मशक्कत के बाद विशेषज्ञों की देखरेख में बांध को तोड़ा गया था। जांच शुरू हुई तो पता चला था कि बांध के निर्माण में घटिया सामग्री लगाई गई थी। निर्माण कार्य की नियमित जांच भी नहीं की गई। इसमें मुख्य अभियंता सीएस घटोले, अधीक्षण यंत्री पी़ जोशी, कार्यपालन यंत्री बीएल निनामा, उपयंत्री विजय कुमार जत्थाप, अशोक कुमार, दशाबंता सिसोदिया, आरके श्रीवास्तव और एसडीओ को निलंबित किया गया था।

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