
शाजापुर। नगर में कंस वधोत्सव की अनूठी परंपरा इस बार फिर पूरी उत्साह के साथ निभाई गई। कंस चौराहा स्थित दरबार में बैठाए गए कंस के पुतले का वध सोमवार को रात 12 बजे श्रीकृष्ण बने कलाकार द्वारा किया गया। मथुरा में कंस के वधोत्सव की परंपरा का निर्वहन प्राचीन समय से किया जाता रहा है। वहीं मथुरा के बाद शाजापुर में करीब 271 वर्ष से यह आयोजन हो रहा है। नगर में देव और दानवों के बीच वाक्युद्ध हुआ।
शहर में निकला चल समारोह
कंस वधोत्सव के आयोजन में कलाकार देव और दानवों के भेष में अपनी भूमिका का निर्वहन किया गया। कंस वधोत्सव आयोजन की शुरुआत रात 8.30 बजे बालवीर हनुमान मंदिर से चल समारोह के रूप में हुईं जो कंस चौराहा, मगरिया, बस स्टैंड, गवली मोहल्ला से होते हुए आजाद चौक पहुंचा, यहां देवता और दानवों के बीच वाक्युद्ध हुआ।
श्रीकृष्ण ने किया कंस का वध
इसमें दोनों ही वर्तमान परिप्रेक्ष्य को लेकर अपने-अपने मजेदार संवाद से लोगों का मनोरंजन किया गया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण बने कलाकारों द्वारा कंस का वध किया।
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