
उत्तर प्रदेश के कानपुर में शनिवार देर रात भीषण सड़क हादसा हो गया। चंद्रिका देवी के दर्शन कर लौट रही श्रद्धालुओं की ट्रैक्टर ट्रॉली तालाब में पलट गई। हादसे में 11 बच्चों और 11 महिलाओं समेत 26 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक, उन्नाव के चंद्रिका देवी मंदिर में आयोजित एक मुंडन समारोह में शामिल होने के बाद वापस लौट रहे थे। उसी दौरान हादसा हो गया, सभी लोग घाटमपुर के कोरथा गांव के रहने वाले हैं। दावा किया जा रहा है कि ट्रैक्टर का ड्राइवर नशे में था और एक मोड़ पर नियंत्रण खोने की वजह से यह हादसा हो गया। हालत गंभीर होने पर कई लोगों को कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर किया गया।
पीड़ितों का आरोप- हॉस्पिटल पहुंचे तो नहीं थे डॉक्टर
वहीं हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों ने एंबुलेंस से लेकर डॉक्टर्स की उपलब्धता तक, व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि, हम जब हॉस्पिटल में आए तो यहां कोई डॉक्टर नहीं था। इसके साथ ही उनका कहना है कि, तालाब से लोगों को निकालने के बाद समय पर एंबुलेंस के नहीं पहुंचने पर कई लोगों को बाइक से अस्पताल तक ले जाना पड़ा। मरने वालों में ज्यादातर लोग एक ही परिवार के हैं।
मंत्री बोले- दोषियों पर होगी कार्रवाई
यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने भीतरगांव सीएचसी पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। राकेश सचान ने सभी पीड़ितों को सरकार की ओर से आवास देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि, घटना की जांच कराई जाएगी और इसके बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं परिजनों की ओर से पुलिस पर लगाए गए लापरवाही के आरोप को लेकर उन्होंने कहा कि, एक इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है।
राकेश सचान ने ऐलान किया कि, मृतकों के परिजनों को एक बीघा जमीन, चार लाख रुपए नकद दिए जाएंगे। उन्होंने घायलों को भी एक लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया।