
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के 50वें चीफ जस्टिस बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के पद की शपथ दिलाई। जस्टिस चंद्रचूड़ दो साल यानी 10 नवंबर 2024 तक सीजेआई रहेंगे। इससे पहले जस्टिस ललित का सीजेआई के तौर पर 74 दिनों का छोटा कार्यकाल था जो 8 नवंबर को पूरा हो गया।
डीवाई चंद्रचूड़ के नाम कई ऐतिहासिक फैसले
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम अनगिनत ऐतिहासिक फैसले हैं। हाल ही में जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक ऐतिहासिक फैसले लिया जिसने महिलाओं के प्रजनन अधिकारों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया। अविवाहित या अकेली गर्भवती महिलाओं को 24 सप्ताह तक गर्भपात करने से रोकने के कानून को रद्द कर सभी महिलाओं को ये अधिकार दिया है।
देश के नए CJI बने डीवाई चंद्रचूड़
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 11 नवंबर 1959 को पैदा हुए और 13 मई 2016 को शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए गए थे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ कई संविधान पीठ और ऐतिहासिक फैसले देने वाली उच्चतम न्यायालय की पीठों का हिस्सा रहे हैं।
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— Peoples Update (@PeoplesUpdate) November 9, 2022
जस्टिस चंद्रचूड़ 29 मार्च 2000 से 31 अक्टूबर 2013 तक बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। उसके बाद उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। जस्टिस चंद्रचूड़ को जून 1998 में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था और वह उसी वर्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए।
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता 16वें CJI थे
जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे। उनका कार्यकाल करीब 7 साल यानि 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक रहा। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद जस्टिस चंद्रचूड़ उसी पद पर बैठेंगे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 9 नवंबर, 2022 से 10 नवंबर, 2024 तक यानी 2 साल का होगा।
2027 में देश को मिलेगी पहली महिला CJI
सुप्रीम कोर्ट में शपथ ग्रहण के दौरान ही स्पष्ट हो जाता है कि कौन चीफ जस्टिस बनेंगे और उनका कार्यकाल कितना होगा। मौजूदा रिकॉर्ड के मुताबिक, देश को 2027 में पहली महिला चीफ जस्टिस मिलेंगी। जस्टिस बी वी नागरत्ना महज 27 दिनों के लिए देश के सर्वोच्च न्यायालय का नेतृत्व करेंगी। उनके पिता जस्टिस ईएस वेंकटरामैय्या भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।