भोपालमध्य प्रदेश

जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी : आज ओपीडी के साथ इमरजेंसी बंद , नुक्कड़-नाटक के जरिए रखी अपनी मांगें

हड़ताल के दूसरे दिन आज जूनियर डॉक्टर्स ओपीडी बंद रखने के साथ ही इमरजेंसी सेवाओं को भी बंद रखी। आज सभी जूडा नुक्कड़-नाटक के माध्यम से अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।

भोपाल। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के तीन पदाधिकारियों के रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के विरोध में राजधानी के जूडा की हड़ताल जारी है। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा छात्रों ने बुधवार को कामकाज बंद रखा। जूडा हडताल के कारण हमीदिया अस्पताल में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीजों को बिना इलाज कराए ही वापस लौटना पड़ा। हड़ताल के दूसरे दिन आज जूनियर डॉक्टर्स ओपीडी बंद रखने के साथ ही इमरजेंसी सेवाओं को भी बंद रखेंगे। आज सभी जूडा नुक्कड़-नाटक के माध्यम से अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं।

ग्वालियर, सागर, जबलपुर और रीवा में असर नहीं

भोपाल सहित इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को पत्र लिखकर 8 सितंबर तक पंजीयन निरस्तीकरण का आदेश निरस्त न होने पर बुधवार सुबह से हड़ताल करने का ऐलान किया था लेकिन, भोपाल को छोडकर किसी भी मेडिकल कॉलेज में हडताल का असर नहीं दिखा। जूडा मप्र के अध्यक्ष डॉ. अरविन्द मीणा का कहना है कि मप्र के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूडा ने हड़ताल को बाहर से समर्थन दिया है। यदि सरकार आदेश वापस नहीं लेती है तो बाकी मेडिकल कॉलेजों में भी काम बंद हड़ताल शुरू की जाएगी।

बुधवार को गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मेडिकल काउंसिल में पंजीयन रद्द किए जाने के लिए एनएमसी को पत्र भेजे जाने से नाराज जूनियर डाक्टरों ने बुधवार सुबह 8 बजे से काम बंद कर दिया। जूनियर डॉक्टरों के वार्ड में काम न करने से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हमीदिया, सुल्तानिया और टीबी अस्पताल में भर्ती मरीजों को न तो इलाज मिल सका और न ही दवाएं दी गर्इं। सूत्र बताते हैं कि हड़ताल के चलते हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में जहां 8 मरीजों की मौत हो गई, वहीं तीन दर्जन से ज्यादा आॅपरेशन टालना पड़े हैं। इधर जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल के दौरान सरकार का विरोध करने के लिए अर्थी भी निकाली। जूडा ने कॉलेज कैंपस में शवयात्रा निकालकर सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।

इसलिए नाराज हैं जूनियर डॉक्टर

मानदेय में बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को लेकर जूडा ने इस साल 31 जून से छह जुलाई तक हड़ताल की थी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जूडा ने हड़ताल वापस लेली थी। बावजूद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जूनियर डॉक्टरों के पंजीयन पर रोक लगा दी थी। जिन पदाधिकारियों का पंजीयन रोका गया है, उसमें जूडा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरविंद मीणा, जीएमसी जूडा अध्यक्ष डॉ. हरीश पाठक और शुभम् चौरसिया
शामिल हैं। ये तीनों अभी पीजी द्वितीय वर्ष में हैं। इनका पंजीयन रोकने के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है।

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