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वक्फ विधेयक को लेकर जेपीसी की तैयारी अंतिम चरण में, पैनल 44 संशोधनों पर करेगा विचार

नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024: बजट सत्र में पेश करने की तैयारी पूरी, नई दिल्ली। केंद्र सरकार वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 को बजट सत्र में पेश करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है। संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट बजट सत्र के पहले भाग में संसद में पेश की जाएगी। इस बीच, समिति विधेयक पर 44 संशोधनों पर विचार कर रही है। समिति के सदस्यों को कानून में अपने संशोधन प्रस्तुत करने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है।

JPC की रिपोर्ट बजट सत्र में पेश होगी

विधेयक पर विचार करने के लिए गठित जेपीसी की अंतिम दौर की बैठक 24 और 25 जनवरी को होगी, जिसमें क्लॉज-दर-क्लॉज चर्चा की जाएगी। पैनल ने सदस्यों को अपने संशोधन प्रस्तुत करने के लिए 22 जनवरी तक का समय दिया है। इसके बाद, सभी संशोधन पैनल के सदस्यों के बीच साझा किए जाएंगे ताकि वे अपनी आपत्तियां और सुझाव दर्ज कर सकें।

बिल पास कराना प्राथमिकता

केंद्र सरकार किसी भी स्थिति में इस विधेयक को पास कराने के लिए प्रतिबद्ध है। चूंकि यह विधेयक संविधान संशोधन के दायरे में नहीं आता, इसलिए इसे पास कराने में विशेष चुनौती नहीं होगी। बीजेपी ने अपने सभी सहयोगी दलों से संपर्क कर लिया है। एनडीए की सहयोगी टीडीपी ने पहले इस बिल को लेकर आपत्ति जताई थी और इसे संयुक्त समिति के पास भेजने की मांग की थी।

13 राज्यों के वक्फ बोर्ड से हुई बातचीत

विधेयक पर विचार के दौरान जेपीसी ने अब तक 13 से अधिक राज्यों के वक्फ बोर्ड के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। हालांकि, समिति के कुछ सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा करने की मांग की थी, लेकिन व्यस्त कार्यक्रम के चलते दौरा संभव नहीं हो सका। पैनल की दिल्ली में अब तक 34 बैठकें हो चुकी हैं।

समिति का लखनऊ दौरा

फिलहाल, जेपीसी उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड से चर्चा करने के लिए लखनऊ में है। समिति ने संशोधन पर विचार के लिए पैनल सदस्यों को दो दिन का समय दिया है। 24 और 25 जनवरी को दिल्ली में होने वाली बैठक में विधेयक पर अंतिम रूप से चर्चा की जाएगी।

विपक्ष दलों ने विधेयक पर उठाए सवाल

विपक्ष और कुछ सहयोगी दलों ने विधेयक पर सवाल उठाए हैं। टीडीपी ने इसे वक्फ बोर्ड के संचालन में हस्तक्षेप करार दिया है, जबकि जद (यू) ने इसे पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम बताया है। जद (यू) नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में विधेयक के पक्ष में बयान देते हुए कहा था कि इसका उद्देश्य मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करना नहीं है।

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