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Javed Akhtar Birthday : लव लेटर से फिल्मों की कहानी लिखने तक का तय किया सफर, फ्रांसीसी महिला को दिल दे बैठे थे जावेद अख्तर

एंटरटेनमेंट डेस्क। हिंदी सिनेमा के दिग्गज और मशहूर लेखक-गीतकार जावेद अख्तर ने अपने दम पर इंडस्ट्री में एक अलग ही पहचान बनाई है। आज वे अपना 79वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहां तक की उनकी लव स्टोरी भी अधूरी रह गई। वो प्यार जो उन्हें शबाना आजमी से शादी करने से पहले हुआ था। इसके साथ ही अपनी रचनाओं के अलावा बॉलीवुड के ये लेखक अपने बेबाक अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।

जादू है जावेद के बचपन का नाम

जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 ग्वालियर के कमला अस्पताल में राइटर जान निसार के घर हुआ था। उनका बचपन का नाम जादू था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जावेद सपनों के शहर मुंबई आ पहुंचे थे। उन दिनों उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे। उन्होंने पेड़ों के नीचे सोकर कई रातें गुजारी। कुछ वक्त के बाद जावेद हिंदी फिल्मों में क्लैपर ब्वॉय का काम करने लगे। फिल्म ‘सरहदी लुटेरा’ की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात सलीम खान से हुई थी। जो इस फिल्म में हीरो का रोल प्ले कर रहे थे। ये मुलाकात उनके लिए बेहद खास रही और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

लव लेटर के लिए फेमस थे जावेद

जावेद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, जब वह स्कूल में थे तो लोग उनसे लव लेटर लिखवाते थे। लव लेटर लिखने में उनकी बड़ी डिमांड थी। वो उन लोगों के भी लव लेटर लिखते थे जिन्हें वो जानते तक नहीं थे।

सलीम और जावेद की जोड़ी

सलीम और जावेद ने मिलकर इंडस्ट्री के लिए कई सुपरहिट फिल्में लिखीं। कहा जाता है कि, उन दिनों सलीम खान स्टोरी आइडिया देते थे और जावेद अख्तर डायलॉग लिखते थे। जावेद अख्तर उर्दू में स्क्रिप्ट लिखते थे, जिसको बाद में हिंदी में ट्रांसलेट किया जाता था। इस जोड़ी ने शोले से लेकर यादों की बारात, दीवार, सीता और गीता, हाथी मेरा साथी जैसी फिल्मों में काम किया और ये सारी फिल्में हिट साबित हुईं।

जावेद की लव लाइफ

ये किस्सा 47 साल पुराना है। जब उनका दिल फ्रेंच की एक लड़की पर आ गया था। जावेद ने इंटरव्यू में बताया था कि जब वह फिल्म ‘त्याग’ के लिए काम कर रहे थे। तभी उनकी मुलाकात सेट पर एक फ्रेंच लड़की से हुई। जब उस लड़की से जावेद अख्तर की बातचीत हुई तो वह उन्हें और भी अच्छी लगने लगी। उस लड़की का नाम जोसेन था। वह अपने दोस्तों के साथ इंडिया घूमने के लिए आई हुई थी। दोनों के बीच बातचीत हुई और फिर दोस्ती हो गई। जावेद अख्तर जोसेन के लिए स्पेशल फील करने लगे थे।

14 रुपए की वजह से थोड़ा रिश्ता

जावेद ने आगे बताया कि उस जमाने में उन्होंने 14 रुपए खर्च करके टैक्सी बुक की। वह ताज से बांद्रा तक सिर्फ उस लड़की से मिलने पहुंचे और उससे अपने दिल की बात कह दी। जावेद ने कहा, ‘क्या चल रहा है। तुम्हें कुछ पता भी है। या तो तुम मुझसे शादी कर लो या अपने देश चली जाओ। इसके बाद उन्होंने उससे अपने 14 रुपए भी मांगे थे जो की उन्हें कभी नहीं मिले।

जावेद ने खुद टिकट बुक कर भेजा विदेश

जब जोसेन ने जावेद अख्तर के दिल की बात सुनी तो वह हैरान हो गई। राइटर का दिल टूट गया क्योंकि जोसेन ने अपने देश लौटने का फैसला किया था। इसके बाद खुद जावेद अख्तर ने जोसेन को टिकट के पैसे दिए और विदेश भेज दिया।

विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं जावेद

जावेद अपने टैलेंट और लव लाइफ के अलावा अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में बने रहते हैं। कुछ समय पहले शाहरुख खान की फिल्म पठान के ‘बेशर्म रंग’ गाने पर विवाद हुआ था। इस विवाद पर जावेद अख्तर ने अपनी राय दी थी।

उन्होंने कहा था कि, गाना अच्छा या बूरा ये आप या मैं तय नहीं कर सकते। सेंसर बोर्ड की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा था कि, हमारे पास सरकारी विभाग के आधार पर एक एजेंसी है जो ये तय करता है कि, फिल्म में कौन सा सीन कटेगा और कौन सा नहीं कटेगा। इसके बाद उन्होंने सभी धर्मों के सेंसर बोर्ड बनाने की बात पर भी जोर दिया था।

बुर्का बैन करने पर भी दिया था विवादित बयान

जावेद अख्तर बुर्का बैन पर भी अपना पक्ष रख चुके हैं। साल 2019 में देशभर में बुर्का बैन का मामला काफी गर्माया हुआ था। जिसपर अख्तर ने भी अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा था कि, अगर आप भारत में बुर्का बैन का कानून लाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको घूंघट पर भी बैन लगाने के लिए कानून लाना चाहिए।

जावेद की फिल्मोग्राफी

यादों की बारात, जंजीर, दीवार, दोस्ताना, शोले से सलीम-जावेद ने मसाला फिल्मों का वो दौर लाया, जो आज भी एक मिसाल है।
सिलसिला, लावारिस, मिस्टर इंडिया, सागर, लव स्टोरी, रिफ्यूजी, बॉर्डर, विरासत, डुप्लीकेट, बादशाह, लगान, कल हो न हो, डॉन, ओम शांति ओम, जोधा अकबर, रॉक ऑन, माय नेम इज खान, तलाश, रईस और डंकी जैसी कई फिल्मों के गाने जावेद अख्तर ने ही लिखे हैं।

इसके अलावा हिंदी सिनेमा में दिए योगदान के लिए जावेद अख्तर को 6 नेशनल अवॉर्ड, पद्मश्री, पद्मभूषण, साहित्य एकेडमी अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। रिचर्ड डॉकिन्स हासिल करने वाले जावेद अख्तर भारत के इकलौते शख्स हैं।

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