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जापान का चंद्रयान तीसरी बार हुआ जिंदा, भेजी तस्वीरें

लैंडिंग के वक्त स्लिम लैंडर में गड़बड़ी आ गई थी लेकिन अब यह लगातार तस्वीरें भेज रहा है

टोक्यो। जापान के चंद्रमा मिशन ने एकबार फिर कमाल कर दिया है। जापान का स्लिम लैंडर तीसरी बार जाग गया है। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने बताया है कि मंगलवार को लैंडर के साथ एक बार फिर संपर्क हो गया। लैंडर ने इस दौरान चंद्रमा के सतह की तस्वीर खींची है। तीसरी बार चांद की सख्त ठंड में यह बचा रहा है। जापान पर जब चांद का स्लिम मिशन लैंड हुआ था, तब भी इसमें गड़बड़ी आ गई थी। यह कुछ इस तरह लैंड हुआ कि सोलर पैनल पर सूर्य का प्रकाश नहीं पड़ रहा था। इस कारण इसके लैंडर बिजली नहीं बना पा रहे थे। बुधवार को एजेंसी ने बताया पिछली रात (23 अप्रैल) हम स्लिम के साथ एक बार फिर संपर्क करने में सक्षम हुए।

शुरुआती असफलता के बाद आश्चर्यजनक सफलता

जापान का चंद्रमा लैंडर स्लिम 20 जनवरी को चांद की सतह पर उतरा था। इस लैंडर ने सटीक लैंडिंग की थी। लेकिन लैंडिंग के दौरान इसके सोलर सेल सूर्य से विपरीत दिशा में थे। इस कारण जापान के लिए यह कामयाबी भी एक फेलियर की ही तरह थी। जापानी लैंडर अपनी रिजर्व बैट्री के दम पर कुछ घंटों तक चला और फिर बाद में बंद हो गया। 28 जनवरी को एजेंसी ने बताया था कि सूर्य की रोशनी की दिशा बदलने के कारण लैंडर ने बिजली बनानी शुरू कर दी है।

भीषण तापमान में उपकरणों का बचा रहना बड़ी कामयाबी

चंद्रमा पर 14 दिनों की सुबह और 14 दिनों की रात होती है। जब यहां रात होती है तो तापमान माइनस 170 डिग्री से. होता है। वहीं दिन में यहां का तापमान 100 डिग्री तक पहुंच जाता है। इतने भीषण तापमान को झेलकर लैंडर के उपकरणों का बचा रहना जापानी स्पेस एजेंसी के लिए बड़ी कामयाबी है। स्लिम का पूरा नाम स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून है। जापानी स्पेस एजेंसी का लक्ष्य इस लैंडर के जरिए चंद्रमा पर सटीक लैंडिंग कराना था।

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