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जम्मू-कश्मीर सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाला : CBI का बड़ा एक्शन! दिल्ली, UP, गुजरात समेत 33 ठिकानों पर छापा

जम्मू-कश्मीर के एसआई भर्ती घोटाले को लेकर सीबीआई ने जम्मू, श्रीनगर, हरियाणा के जिलों, गांधीनगर, गाजियाबाद, बेंगलुरु, दिल्ली सहित 33 स्थानों पर छापे मारे। जम्मू-कश्मीर पुलिस, डीएसपी और सीआरपीएफ के अधिकारियों के परिसरों पर भी छापेमारी जारी है। इसमें जम्मू-कश्मीर एसएसबी परीक्षा से जुड़े अधिकारी खालिद जहांगीर और अशोक कुमार के परिसरों भी शामिल है।

NIA ने कल 3 राज्यों में छापे मारे थे

इससे पहले सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी NIA ने भी देश के कई शहरों में छापेमारी की थी। ये छापेमारी आतंकवादियों, अपराधियों और मादक पदार्थों के तस्करों के बीच कथित साठगांठ को खत्म करने के लिए की गई थी। इस दौरान तीन राज्यों की 50 जगहों पर छापे मारे गए थे। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल गैंगस्टर के यहां भी छापे मारे गए थे।

NIA ने 26 अगस्त को एक मामला दर्ज किया था, जब उसने भारत और विदेशों में स्थित कुछ गिरोहों के सरगनाओं और उनके सहयोगियों की पहचान की थी, जो आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।

जानें पूरा मामला

जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड ने 27 मार्च को पुलिस में उप-निरीक्षकों के पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी, जिसके नतीजे 4 जून को घोषित किए गए थे। जम्मू-कश्मीर सरकार ने परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाते हुए 33 आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और एक जांच कमेटी का गठन किया था। एजेंसी ने एक बयान में बताया था कि आरोपी J&K SSB, बेंगलुरु स्थित निजी कंपनी, लाभार्थी उम्मीदवारों और अन्य अधिकारियों के बीच साजिश रची गई और एसआई के पदों के लिए लिखित परीक्षा के आयोजन में घोर अनियमितताएं की गईं।

ये भी आरोप लगाया गया कि जम्मू, राजौरी और सांबा जिलों के चयनित उम्मीदवारों का प्रतिशत असामान्य रूप से ज्यादा था। J&K SSB द्वारा नियमों का उल्लंघन कथित तौर पर बेंगलुरु की निजी कंपनी मेरिटट्रैक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को प्रश्न पत्र सेट करने का कार्य सौंपने में पाया गया था।

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ये हैं घोटाले के आरोपी

इस मामले के आरोपियों में पलौरा के बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय के चिकित्सा अधिकारी डॉ. करनल सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी एएसआई अशोक कुमार, पूर्व सीआरपीएफ अधिकारी अश्विनी कुमार भी शामिल हैं। इनके अलावा, ‘एडुमैक्स (Edumax) क्लासेस अखनूर’ के मालिक अविनाश गुप्ता, कोचिंग के प्रबंधक अक्षय कुमार, टीचर रोशन ब्राल, जम्मू और कश्मीर प्रशासनिक सेवा के तत्कालीन सदस्य नारायण दत्त, जम्मू और कश्मीर सेवा चयन बोर्ड के तत्कालीन अवर सचिव बिशन दास, J&K SSB की तत्कालीन अनुभाग अधिकारी अंजू रैना, बेंगलुरु के मेरिटट्रैक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम आरोपियों में हैं।

कब हुई थी भर्ती परीक्षा

जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (J&K SSB) ने 27 मार्च को सब इंस्पेक्टर के 1200 पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की थी। जिसका परिणाम चार जून को जारी किया गया है। 97 हजार युवाओं ने भर्ती की लिखित परीक्षा दी थी। रिजल्ट के बाद सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट में कुछ अभ्यर्थियों को मिले अंक पर सवाल उठाए गए थे। इसके बाद प्रदेशभर में इसमें जांच के लिए प्रदर्शन हुए।

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कब रद्द हुई भर्ती परीक्षा

जांच की रिपोर्ट आने के बाद भर्ती परीक्षा को 8 जुलाई को रद्द कर दिया गया और इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।

10 जून को दिए थे धांधली की जांच के आदेश

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 10 जून को भर्ती में धांधली की जांच के आदेश दिए थे। सरकार तक ये बात पहुंच चुकी थी कि भर्ती में धांधली हुई है। परीक्षा के लिए पेपर लीक हो गया। इसके लिए बड़े स्तर पर पैसे के लेनदेन की बात भी सामने आई। उपराज्यपाल ने गृह सचिव आर के गोयल, कानून विभाग के सचिव अचल सेठी और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मनोज द्विवेदी को समिति में शामिल किया।

कई राज्यों में प्रतिबंधित है एसआई भर्ती करने वाली कंपनी

सब इंस्पेक्टरों की भर्ती मामले में भर्ती करने वाली एजेंसी को ठेका देने पर एसएसबी सवालों के घेरे में है। एजेंसी को कई राज्यों और विभागों ने प्रतिबंधित कर रखा है, बावजूद इसके कंपनी को एसएसबी ने बिना नियमों में बदलाव किए भर्ती का ठेका दे दिया।

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