
झारखंड सरकार व केंद्र सरकार द्वारा जैन समाज के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने से जैन समाज नाराज है। विश्व जैन संगठन के आव्हान पर देशभर में रविवार को जुलूस निकालकर इस फैसले का विरोध किया गया। वहीं इंदौर में भी इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए समाज के हजारों लोग सड़कों पर आ गए।
जैन समाज ने मौन जुलूस निकाला
इस फैसले के विरोध में इंदौर में रविवार को बड़ी संख्या में दिगंबर एवं श्वेतांबर जैन समाज के लोग राजवाड़ा पर एकत्रित हुए। यहां से मौन जुलूस के रूप में रीगल तिराहा स्थित गांधी प्रतिमा पर पहुंचे। जुलूस में महिलाएं केसरिया वस्त्र व पुरुष श्वेत वस्त्र धारण कर शामिल हुए। जुलूस में महिलाएं व पुरुष हाथों में तख्तियां थीं, जिनमें ‘आस्था पर कुठाराघात, नहीं सहेगा जैन समाज’, ‘शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित करने का निर्णय वापस लो…’ जैसे नारे लिखे थे।
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
सड़क पर प्रदर्शन के अलावा सोशल मीडिया पर भी सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध समाज जन कर रहे हैं। जुलूस के रीगल तिराहा स्थित गांधी प्रतिमा पर पहुंचे के बाद अफसरों को समाज के प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा। जैन समाज का कहना है कि इस फैसले को वापस नहीं लिया गया तो समाज उग्र आंदोलन करेगा। जुलूस में काफी भीड़ होने के कारण राजवाड़ा एवं रीगल तिराहे का यातायात बाधित रहा।
जुलूस में विभिन्न संगठन हुए शामिल
सरकार के इस फैसले के विरोध जुलूस में समाज के विभिन्न संगठन, सोशल ग्रुप व महिला संगठन शामिल हुए। विश्व जैन संगठन के प्रमुख जेके जैन, स्वप्निल जैन, अनिल बांझल, निर्मल पाटोदी के संयोजन में निकली रैली में प्रमुख रूप से भरत मोदी, नरेंद्र वेद, मनीष अजमेरा, नकुल पाटोदी, संजय पाटोदी, अशोक मांडलिक आदि मौजूद रहे।