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IAS Pooja Khedkar Controversy : मामले में नया खुलासा… जिसे बताया घर, वहां है कंपनी; पुणे कलेक्टर पर किया केस, लगाया हैरेसमेंट का आरोप

मुंबई। UPSC में नियुक्ति को लेकर विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर को लेकर रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। अब सामने आया है कि, खेडकर ने गलत एड्रेस और फर्जी राशन कार्ड का इस्तेमाल कर दिव्यांगता सर्टिफिकेट हासिल किया था। इस सर्टिफिकेट पर दिया गया एड्रेस थर्मोवेरीटा इंजीनियरिंग कंपनी का है। इसी के नाम पर खेडकर की ऑडी कार भी रजिस्टर्ड थी।

वहीं विवाद बढ़ने के बाद उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी गई है। पूजा को 23 जुलाई तक मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। जांच पूरा होने तक वह यहीं रहेंगी। इसके अलावा पूजा ने पुणे कलेक्टर पर हैरेसमेंट का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है।

फर्जी राशन कार्ड और दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा खेडकर ने पिंपरी के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) हॉस्पिटल से फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनवाया था। सर्टिफिकेट के लिए उसने अपना एड्रेस पिंपरी चिंचवाड़ का बताया था। अस्पताल को दिए गए एड्रेस प्रूफ में उसके घर का पता प्लॉट नंबर 53, देहू-आलंदी, तलवडे था। हालांकि, अब सामने आया है कि यह एड्रेस किसी रिहायशी प्रॉपर्टी का नहीं बल्कि बंद हो चुकी कंपनी थर्मोवेरिटा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड का था।

पूजा खेडकर ने इस कंपनी के एड्रेस का इस्तेमाल कर फर्जी राशन कार्ड बनवाया था। जिसका इस्तेमाल कर खेडकर ने लोकोमोटर डिसैबिलिटी का दावा कर वाईसीएम अस्पताल से दिव्यांगता सर्टिफिकेट हासिल किया था। बता दें कि, लोकोमोटर डिसैबिलिटी में किसी भी शख्स के पैर सही तरीके से काम नहीं करते हैं। दिव्यांग प्रमाणपत्र के लिए आधार कार्ड जरूरी होने के बाद भी पूजा ने अर्जी में राशनकार्ड लगाया था।

LBSNAA ने रद्द की पूजा की ट्रेनिंग

इससे पहले उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर का ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया था। साथ ही उन्हें तुरंत वापस बुलाने के लिए लेटर भी जारी किया। एकेडमी ने इस संबंध में पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार को भी सूचित किया है।

LBSNAA द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि, आपके जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित रखने तथा आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए आपको तुरंत वापस बुलाने का निर्णय लिया है। आपको महाराष्ट्र राज्य सरकार के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम से मुक्त किया जाता है।

पूजा ने जिलाधिकारी पर लगाया हैरेसमेंट का आरोप

इस बीच विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर ने पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे के खिलाफ हैरेसमेंट की शिकायत की है। पूजा ने वाशिम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, ये जानकारी एक अधिकारी की तरफ से दी गई है। पूजा के विवादों में घिरने के बाद पुणे कलेक्टर ने ही उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया था।

डेट ऑफ बर्थ और नाम में भी किया फर्जीवाड़ा

ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर एक और नया डॉक्यूमेंट सामने आया। जिसमें उन्होंने साल 2020 में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल (CAT) को एक एप्लीकेशन दिया था, जिसमें पूजा ने अपना नाम ‘खेडकर पूजा दिलीपराव’ और उम्र 30 साल बताई थी। वहीं साल 2023 में CAT के आवेदन में उन्होंने अपना नाम ‘पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर’ और उम्र 31 साल बताई। इसके अलावा पूजा ने अपने नाम के आगे 2020 के डॉक्यूमेंट में डॉक्टर लिखा है और 2023 के डॉक्यूमेंट में डॉक्टर नहीं लिखा है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या दिसंबर 2020 से लेकर फरवरी 2023 तक उनकी उम्र में 1 साल ही बढ़ी।

बात दें कि UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है। वहीं OBC कैटेगरी का अभ्यर्थी 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूजा ने कुल 11 बार सिविल सर्विसेस की परीक्षा दी हैं।

डाक्यूमेंट्स

ऑडी कार जब्त, 26 हजार का चालान बकाया

पुणे पुलिस ने रविवार (14 जुलाई) को पूजा की ऑडी कार जब्त कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा खेडकर जिस ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाकर घूमती थी, उस पर 21 चालान पेंडिंग हैं। 2022 से अब तक तेज गति से गाड़ी चलाने, सिग्नल तोड़ने और पुलिस के पूछने पर रुकने से इनकार करने जैसे ट्रैफिक रूल्स तोड़ने को लेकर 26 हजार का जुर्माना बकाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑडी कार एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है।

पुणे RTO ने गुरुवार (11 जुलाई) को इस ऑडी (MH-12/AR-7000 नंबर वाली) के मालिक, इंजीनियरिंग कंपनी को नोटिस जारी किया था। जिसमें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए गाड़ी पेश करने के लिए कहा गया था। जांच में पाया गया है कि उनकी लग्जरी ऑडी कार प्राइवेट इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है।

पूजा पर लगे हैं कई आरोप

ट्रेनी IAS अफसर पूजा एक के बाद एक विवाद में फंसती नजर आ रही हैं। पहले डीएम कार्यालय में उनकी VIP डिमांड की बात सामने आई, फिर उन पर विकलांगता का फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर IAS बनने का आरोप लगा। इसके अलावा उनपर मेडिकल टेस्‍ट में न शामिल होने के भी आरोप हैं।

पूजा खेडकर की जांच के लिए कमेटी गठित

केंद्र सरकार ने गुरुवार (11 जुलाई) को कहा कि, 2023 बैच की आईएएस अफसर पूजा खेडकर को महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया है। विवादों में घिरी ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को वेरिफाई करने के लिए सिंगल मेंबर कमेटी का गठन किया गया है। जांच अधिकारी दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।

यह जांच एडिशनल सेक्रेटरी रैंक के अफसर करेंगे। इसका मकसद खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल को वेरिफाई करना होगा। जांच अधिकारी दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने विकलांगता और OBC आरक्षण कोटे का दुरुपयोग करके IAS में पद हासिल किया।

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की कार के नाम पर हैं कई चालान
ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की Audi कार पर हैं कई चालान। (फाइल फोटो)

पुणे से वाशिम हुआ ट्रांसफर

विवादों के बीच ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने नई जगह काम संभाल लिया है। उन्होंने गुरुवार को विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला कलेक्ट्रेट में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर जॉइन किया। इस बार वो लाल बत्ती लगी ऑडी कार की बजाय साधारण बोलेरो कार में सवार होकर वाशिम जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं और पदभार संभाला।

उन्हें पुणे से यहां ट्रांसफर किया गया है। उन पर कथित तौर पर कई लोगों को परेशान करने और अपनी पर्सनल ऑडी कार पर लाल बत्ती लगाने के आरोप हैं। वहीं, उन पर लगे आरोपों को लेकर वाशिम में मीडिया के सवालों पर पूजा ने कहा कि, मुझे इस मामले में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है। सरकारी नियम मुझे कुछ कहने की अनुमति नहीं देते।

पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपए की संपत्ति

चुनावी हलफनामे के मुताबिक, पूजा खेडकर के पैरेंट्स के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है, जोकि कृषि भूमि सीमा अधिनियम का उल्लंघन करती है। इसके अलावा छह दुकानें, सात फ्लैट (एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की सोने की घड़ी, चार कार हैं। इसके साथ ही दो प्राइवेट कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में हिस्सेदारी है। खुद IAS पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपए की संपत्ति है।

पूजा की मां अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच हैं। पूजा के परिवार में उनके पिता और दादा दोनों प्रशासनिक सेवा में रहे हैं। उनके पिता तो पुणे में सहायक कलेक्टर भी रहे।

क्या है पूरा मामला

  • ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने UPSC एग्जाम साल 2021 में क्लियर किया था। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में 841वीं रैंक हासिल की थी। पुणे में वे सरकारी दफ्तर में खुद की ऑडी कार लेकर आती थीं। उनकी लग्जरी कार पर महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड, सरकारी प्लेट और लाल बत्ती लगी थी।
  • पूजा ने पहले पुणे में प्रोबेशनरी असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर जॉइनिंग की थी। जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर को वॉट्सएप मैसेज कर अपने लिए अलग से बैठने की व्यवस्था, कार, आवास और कॉन्स्टेबल की मांग की थी। उनकी वीआईपी डिमांड को लेकर कलेक्टर सुहास दिवसे ने उनके खिलाफ कार्रवाई की और फिर उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया।
  • पूजा खेडकर के सीनियर मुंबई गए तो पूजा ने सीनियर के चेंबर पर कब्जा कर लिया। वहां अपने नाम का बोर्ड लगा दिया, साथ ही सीनियर्स के चैंबर का सामान बाहर निकालकर रख दिया।
  • इस व्यवहार के संबंध में पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे ने अपर मुख्य सचिव मंत्रालय को रिपोर्ट दी थी। इसमें कहा गया था कि, 18 से 20 जून 2024 की अवधि में जब अपर कलेक्टर मंत्रालय में आए तो पूजा खेडकर ने अपर कलेक्टर की पूर्व सहमति के बिना कुर्सियां सोफा, टेबल, सहित सभी सामग्री बाहर निकाल ली। इसके बाद राजस्व सहायक को बुलाकर उनके नाम का लेटर हेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, राष्ट्रीय ध्वज, नेमप्लेट, शाही मुहर, इंटरकॉम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।

मेडिकल जांच कराने से किया इनकार

पूजा खेडकर ने दृष्टिबाधित श्रेणी से यूपीएससी परीक्षा पास की है और मानसिक बीमारी होने का प्रमाण पत्र पेश किया है। इसी आधार पर पूजा को विशेष रियायत मिली और वे आईएएस बन गईं। अगर उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके प्राप्त अंकों को देखते हुए उनका आईएएस बनना असंभव था। पूजा ने खुद को पिछड़ा वर्ग (OBC) का बताया था। इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

  • आईएएस का पद मिलने के बाद यूपीएससी पूजा खेडकर की मेडिकल जांच कराने का फैसला किया। लेकिन उन्होंने छह बार मेडिकल जांच में शामिल होने से इनकार किया।
  • पहली बार : 22 अप्रैल 2022 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनकी मेडिकल जांच कराई जानी थी, लेकिन उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का कारण बताते हुए जाने से मना कर दिया।
  • दूसरी बार : 26 मई 2022 को एम्स अस्पताल बुलाए जाने के बावजूद वे जांच के लिए नहीं गईं।
  • तीसरी बार : 27 मई 2022 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कई बार बुलाए जाने के बावजूद पूजा जांच के लिए नहीं गईं।
  • चौथी बार : 1 जुलाई को पूजा को फिर एम्स बुलाया गया, लेकिन वे नहीं गईं।
  • पांचवी बार : 26 अगस्त 2022 को पूजा खेडकर एम्स अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए तैयार हुईं। एमआरआई जांच के लिए उन्हें 2 सितंबर को उपस्थित होने के लिए कहा गया। उनकी जांच न्यूरो-ऑप्थमोलॉजिस्ट की मौजूदगी में होनी थी, जिसमें उनकी दोनों आंखों की रोशनी जाने का कारण पता लगाया जाना था।
  • एम्स के ड्यूटी ऑफिसर ने कई बार बुलाया, लेकिन पूजा एमआरआई कराने नहीं गईं।
  • छठी बार : 25 नवंबर 2022 को दोबारा पूछने पर पूजा ने जांच के लिए इनकार कर दिया। वह एमआरआई सेंटर से रिपोर्ट लेकर आईं और यूपीएससी को सौंप दी। यूपीएससी ने इस पर आपत्ति जताई और पूजा खेडकर के चयन को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी कैट में चुनौती दी।
  • 23 फरवरी 2023 को कैट ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया। लेकिन उसके बाद अज्ञात कारण के चलते पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत एमआरआई प्रमाण पत्र को स्वीकार कर लिया गया। इसके साथ ही उनकी नियुक्ति को वैध कर दिया गया।

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