
इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। ईरान ने तीन महीने पहले इजराइल पर हमला किया था। हमले के बाद से ही पूरी दुनिया की नजर इजराइल की जवाबी कार्रवाई पर है। इजराइल की संभावित सैन्य कार्रवाई से जुड़े दो गोपनीय अमेरिकी खुफिया दस्तावेज लीक होने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खलबली मच गई है। ये दस्तावेज 15 और 16 अक्टूबर को मिडिल ईस्ट स्पेक्टेटर नाम के एक टेलीग्राम चैनल पर सामने आए। खुफिया जानकारी लीक होने के बाद अमेरिका चिंतित है और इसकी जांच कर रहा है।
लीक दस्तावेजों में बड़ा खुलासा
लीक हुए दस्तावेजों में दावा किया गया है कि इजराइल ने ईरान पर जवाबी हमला करने के लिए व्यापक सैन्य तैयारियां पूरी कर ली हैं। इनमें हवा में ईंधन भरने के अभियानों से लेकर खोज और बचाव मिशन की योजना शामिल है। साथ ही संभावित हमले की आशंका में मिसाइल सिस्टम की तैनाती भी शामिल है।
नेशनल जियोस्पेशियल-इंटेलिजेंस एजेंसी द्वारा संकलित दस्तावेजों में यह भी बताया गया है कि इजराइल ने गोला-बारूद और अन्य सैन्य उपकरणों की आवाजाही की योजना बनाई है। लीक दस्तावेजों में अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इस हमले के जवाब में ईरान या उसकी प्रॉक्सी से संभावित प्रतिक्रियाओं को लेकर भी तैयारियां की गई हैं।
‘फाइव आइज’ तक ही सीमित थे दस्तावेज
लीक हुए दस्तावेज अत्यधिक गोपनीय बताए जा रहे हैं। यह खुफिया जानकारी केवल अमेरिका और उसके ‘फाइव आइज’ गठबंधन (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और ब्रिटेन) के पास होनी चाहिए थी। इससे अमेरिका की खुफिया व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
एक दस्तावेज में यह संकेत भी मिलता है कि इजराइल के पास परमाणु हथियार हैं, हालांकि इजराइल इस दावे की हमेशा से ही सार्वजनिक रूप से पुष्टि करने से बचता रहा है। खुफिया दस्तावेज में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अमेरिका ने ऐसा कोई संकेत नहीं देखा है कि इजराइल ईरान पर परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है।
लीक से अमेरिका और इजराइल के बीच बढ़ सकता है तनाव
इस लीक से अमेरिका-इजराइल संबंधों में दरार पैदा हो सकता है। इजराइल 1 अक्टूबर को हुए ईरानी मिसाइल हमले का जवाब देने की तैयारी कर रहा था। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही कह चुके हैं कि उनके देश पर हमला करने वालों को कड़ा सबक सिखाया जाएगा। अमेरिकी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस लीक की जांच शुरू कर दी गई है। एफबीआई ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन शुरुआती जांच से संकेत मिले हैं कि ये दस्तावेज शायद किसी निचले स्तर के अमेरिकी कर्मचारी द्वारा लीक किए गए हैं।
मध्य पूर्व के पूर्व उप सहायक रक्षा मंत्री और सेवानिवृत्त सीआईए अधिकारी मिक मुलरॉय ने इस लीक को बेहद खतरनाक बताया। उन्होंने कहा, “अगर यह सच है कि इजराइल की सैन्य योजना लीक हो गई है तो यह एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन है। इससे भविष्य में अमेरिका और इजराइल के बीच समन्वय और आपसी विश्वास को गहरा नुकसान हो सकता है।”
क्या है फाइव आईज
फाइव आईज अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का खुफिया संगठन है। इस संगठन के देशों के बीच यह संधि है कि अगर उनके क्षेत्र में कोई संदिग्ध गतिविधि होती है जिससे किसी सदस्य देश को खतरा हो तो वो जानकारी साझा करेंगे। इस संगठन में पांच देशों की 20 खुफिया एजेंसी एक साथ मिलकर काम कर रही हैं और इसे दुनिया के सबसे ताकतवर इंटेलिजेंस नेटवर्क में से एक माना जाता है।
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