ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का सम्मान, भारत में आज राजकीय शोक; सम्मान में आधा झुका रहेगा राष्ट्रीय ध्वज
Publish Date: 21 May 2024, 9:29 AM (IST)Reading Time: 5 Minute Read
नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत पर भारत ने आज 21 मई को एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। वहीं पीएम मोदी समेत विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। ईरान में भी 5 दिन का राजकीय शोक है। उपराष्ट्रपति मोहम्मद मुखबेर को अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने अजरबैजान से 19 मई की शाम 5 बजे ईरान के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन 2 घंटे बाद इससे संपर्क टूट गया। बाद में अजरबैजान और ईरान के बॉर्डर के पास वरजेघन के घने जंगल में इसके क्रैश होने की खबर सामने आई। राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के साथ हेलिकॉप्टर में विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत 9 लोग सवार थे, सभी मारे गए।
ईरान में पांच दिनों के सार्वजनिक शोक का ऐलान
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का तबरीज शहर में आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन पर ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने पांच दिनों के सार्वजनिक शोक का ऐलान किया है। वहीं तुर्की और अन्य कुछ देशों ने भी उनकी मौत पर शोक का ऐलान किया है।
ईरान में राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद ईरान में नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। नए राष्ट्रपति के चयन के लिए 28 जून को चुनाव होंगे। इसके लिए उम्मीदवार 30 मई से 3 जून तक अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे। वहीं चुनाव के लिए 12-27 जून तक प्रचार किया जा सकेगा। सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने फिलहाल उप राष्ट्रपति को एक कार्यकारी के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी है।
रविवार शाम लापता हो गया था हेलिकॉप्टर
जानकारी के मुताबिक, अजरबैजान से लौटते समय राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (उम्र 63 साल) का हेलिकॉप्टर रविवार (19 मई) शाम करीब 7 बजे लापता हो गया था। इसमें राष्ट्रपति के साथ विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत 9 लोग सवार थे। हादसा अजरबैजान की सीमा के करीब ईरान के वरजेघन शहर में हुआ, यह पहाड़ी इलाका है। रेस्क्यू एजेंसियां करीब 15 घंटे से वहां तलाशी अभियान चला रही थीं। इलाके में भारी बारिश, कोहरे और तेज सर्दी की वजह से सर्चिंग में मुश्किलें आईं। इस दौरान तीन बचावकर्मी भी गायब हो गए।
(सोर्स: ईरान के प्रेस टीवी द्वारा साझा किए गए वीडियो का स्क्रीनशॉट)
सोमवार सुबह पहाड़ियों में मिला मलबा
रेस्क्यू टीम को उत्तरी क्षेत्र में सोमवार (20 मई, 2024) सुबह अजरबैजान की पहाड़ियों में हेलिकॉप्टर का मलबा नजर आया था। इसके बाद देश में मेडिकल असिस्टेंस देने वाली रेड क्रिसेंट ने कहा था कि हादसे में किसी के बचे होने की संभावना नहीं है। क्रैश साइट से एयरक्राफ्ट का मलबा मिलने के कुछ देर बाद उसमें सवार सभी लोगों के निधन की पुष्ट हो सकी। ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA ने सोमवार सुबह इसकी जानकारी दी।
देखें VIDEOhttps://x.com/psamachar1/status/1792404251337224309
दो हेलिकॉप्टर सुरक्षित लौटे, एक हुआ क्रैश
राष्ट्रपति के काफिले में तीन हेलिकॉप्टर शामिल थे, जिनमें से दो तो सुरक्षित लौट आए। लेकिन जिस हेलिकॉप्टर में इब्राहिम रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती और धार्मिक नेता मोहम्मद अली आले-हाशेम भी सवार थे। वह वापस नहीं लौटा।
रईसी अजरबैजान प्रांत में कर रहे थे यात्रा
बताया जा रहा है कि रईसी ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत में यात्रा कर रहे थे। घटना के क्षेत्र को ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 600 किलोमीटर (375 मील) उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान राष्ट्र की सीमा पर स्थित शहर जोल्फा के पास बताया। हालांकि, घटना के दौरान हेलिकॉप्टर के साथ क्या हुआ, इसकी अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
रईसी के गुजर जाने से भारत पर होगा ये असर
राष्ट्रपति रईसी की मौत से चाबहार बंदरगाह परियोजना पर असर पड़ने की संभावना है। अगर कच्चे तेल की कीमतों और आपूर्ति पर असर पड़ता है, जो जाहिर तौर पर भारत भी इससे प्रभावित होगा।
कट्टरपंथी थे रईसी
सरकारी टेलीविजन के अनुसार, रईसी ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत में जा रहे थे। रईसी (63) एक कट्टरपंथी हैं, जिन्होंने पूर्व में देश की न्यायपालिका का नेतृत्व किया था। उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी के रूप में देखा जाता था और कुछ विश्लेषकों का कहना था कि वह 85 वर्षीय नेता (खामेनेई) की मृत्यु या पद से इस्तीफा देने के बाद उनकी जगह ले सकते थे।
ये हस्तियां भी हवाई हादसे का शिकार हुर्इं
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी, 23 जून 1980 को दिल्ली में।
पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवरराव सिंधिया, 30 सितंबर 2001 को उप्र के मैनपुरी के पास।
भारत के पूर्व लोकसभा अध्यक्ष जीएमसी बालयोगी, 3 मार्च 2002 को आंध्र प्रदेश में।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वायएस राजशेखर रेड्डी, 2 सितंबर 2009 को नल्लामाला में।
पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह जनरल जिया उल हक, 17 अगस्त 1988 को बहावलपुर में।
चिली के पूर्व राष्ट्रपति की मिगुएल जुआन सेबेस्टियन पिनेरा, 6 फरवरी 2024 को चिली में।
भारत के पहले चीफ आॅफ डिफेंस जनरल बिपिन रावत, 8 दिसंबर 2021 को, तमिलनाडु में।