
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए टकराव ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। दोनों देशों के बीच हुए ड्रोन हमले, मिसाइल हमले और सीमा पर गोलीबारी को अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने प्रमुखता से कवर किया है। इस संघर्ष के केंद्र में न सिर्फ दो पड़ोसी देशों का टकराव है, बल्कि इसके जरिए वैश्विक हथियार शक्तियों की असली ताकत भी सामने आ रही है। चीन और अमेरिका की टेक्नोलॉजी भी इस लड़ाई में अप्रत्यक्ष रूप से आमने-सामने हैं।
अमेरिका से लेकर फ्रांस तक, हर मीडिया की नजर
वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान पर 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक से भी बड़ा हमला किया है। इस हमले से 2021 से जारी सीजफायर खत्म हो गया है और दोनों देशों ने एक-दूसरे को हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, यह संघर्ष सिर्फ भारत-पाकिस्तान के बीच का नहीं, बल्कि अमेरिका और चीन के हथियारों के बीच का मुकाबला भी है। रिपोर्टर एम्मेट लिंडनर ने लिखा, “यह जंग हथियारों की ताकत दिखाने का मंच बन गई है।” भारत-पाक की लड़ाई के जरिए अमेरिका और चीन की टेक्नोलॉजी की परीक्षा भी हो रही है।
वहीं CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, यह संघर्ष चीन की मिलिट्री टेक्नोलॉजी के लिए एक टेस्ट बन चुका है। पाकिस्तान का दावा है कि उसने भारत के राफेल लड़ाकू विमान को चीनी J-10C फाइटर जेट की मदद से गिराया है। इस खबर के बाद J-10 बनाने वाली कंपनी AVIC चेंगदू के शेयरों में 40% का इजाफा देखने को मिला है।
फ्रांसीसी मीडिया ने भी बताया ‘ड्रोन युद्ध’
ला मोंड (फ्रांस) ने इस सैन्य टकराव को “ड्रोन वॉर” करार दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने भारत के 29 में से 28 ड्रोन मार गिराए हैं, जबकि भारत ने भी पाकिस्तानी ड्रोन हमलों की पुष्टि की है।
फ्रांस 24 की रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों देशों के बीच लगातार गोलीबारी और ड्रोन हमलों का सिलसिला जारी है। भारत ने पाकिस्तान पर लाहौर के पास एक एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करने का आरोप लगाया है। इस संघर्ष में दोनों ओर कम से कम 48 लोगों की मौत हो चुकी है।
अलजजीरा (कतर) ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच जारी यह ड्रोन जंग अब तेजी से तकनीकी शक्ति के प्रदर्शन में बदल चुकी है। भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम S-400 की मदद से पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है।
वर्ल्ड लीडर्स की प्रतिक्रियाएं
इस गंभीर स्थिति पर वैश्विक नेताओं ने भी अपनी राय दी है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान दोनों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
- ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत का समर्थन किया है।
- तुर्किए के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के प्रति संवेदना जताई है।
सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान को झटका
भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव का असर सिंधु जल संधि पर भी पड़ा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। अब वर्ल्ड बैंक ने भी पाकिस्तान को झटका देते हुए साफ कर दिया है कि वह इस विवाद में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। वर्ल्ड बैंक अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा कि 1960 में हुई इस संधि में बैंक की भूमिका केवल एक मध्यस्थ की है, और वह किसी भी पक्ष में फैसला नहीं लेगा।