
भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में हाल ही में हलचल देखने को मिली, जब भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेशी डिप्लोमैट मोहम्मद नूरुल इस्लाम को तलाश किया। भारत ने साफ कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयानों से उसका कोई लेना-देना नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत बांग्लादेश के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखना चाहता है। लेकिन बांग्लादेश सरकार लगातार भारत पर झूठे आरोप लगा रही है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है।
बांग्लादेश ने जताई आपत्ति
बांग्लादेश सरकार ने 6 फरवरी को आधिकारिक बयान जारी कर भारत से आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि शेख हसीना भारत में रहकर बांग्लादेश के खिलाफ झूठे और भड़काऊ बयान दे रही हैं, जिसे रोका जाना चाहिए।
क्यों भड़की हिंसा?
बांग्लादेश में पिछले साल 5 जून को हाईकोर्ट ने सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण लागू किया था, जिसका छात्रों ने विरोध किया। बाद में हसीना सरकार ने यह आरक्षण खत्म कर दिया, जिससे प्रदर्शन और तेज हो गए। हालात इतने बिगड़ गए कि 5 अगस्त 2023 को शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और वह भारत आ गईं।
बांग्लादेश में हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना पर हत्या, अपहरण और देशद्रोह के 225 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं। उनका पासपोर्ट भी रद्द कर दिया गया है। बांग्लादेश सरकार ने भारत से हसीना को डिपोर्ट करने की मांग भी की थी, लेकिन भारत ने उनका वीजा बढ़ा दिया, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें बांग्लादेश नहीं भेजा जाएगा।
क्या भारत-बांग्लादेश के रिश्ते प्रभावित होंगे?
भारत ने इस मामले में साफ किया है कि वह बांग्लादेश के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहता है, लेकिन बांग्लादेश सरकार की ओर से लगातार आ रहे आरोपों के कारण दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर दोनों देशों की सरकारें क्या रुख अपनाती हैं।