कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार शाम को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा कि, उन्होंने अपनी लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है। ट्रूडो ने यह भी कहा कि यदि उन्हें घर में ही लड़ाई लड़नी पड़ी, तो वह आगामी चुनावों में सबसे बेहतर विकल्प नहीं बन पाएंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रूडो तब तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे जब तक उनका उत्तराधिकारी नहीं चुन लिया जाता। बुधवार को लिबरल पार्टी की नेशनल कॉकस की बैठक होने वाली है, जिसमें ट्रूडो को विद्रोह का सामना करने की संभावना जताई जा रही है। इसी कारण, ट्रूडो ने बैठक से पहले इस्तीफा दे दिया है।
बढ़ती महंगाई और अप्रवासियों के मुद्दे बने वजह
पूर्व प्रधानमंत्री ट्रूडो की लोकप्रियता में गिरावट का मुख्य कारण देश में बढ़ती महंगाई, अप्रवासियों की संख्या में इजाफा और कट्टरपंथी गतिविधियों का बढ़ना है। 2024 के सर्वे में केवल 28% कनाडाई नागरिकों ने ट्रूडो को फिर से चुनाव लड़ने का समर्थन किया। वहीं, 65% लोगों ने उनके नेतृत्व को नकार दिया।
ट्रूडो को बाद किसको मिलेगी कमान
ट्रूडो के बाद लिबरल पार्टी को एक नए और मजबूत नेता की तलाश करनी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेलानी जोली, डोमिनिक लेब्लांक और मार्क कानी जैसे नाम इस दौड़ में सबसे आगे हैं। हालांकि, नए नेता का चयन समय लेगा, जिससे पार्टी को आगामी चुनाव में नुकसान हो सकता है।
क्या है इस्तीफे के परिणाम
ट्रूडो ने इस्तीफा दे दिया हैं। इससे लिबरल पार्टी को नेतृत्व संकट का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, समय से पहले चुनाव कराए जाने की मांग और तेज हो सकती है। कंजर्वेटिव पार्टी महंगाई और अन्य मुद्दों पर ट्रूडो सरकार को घेर रही है, समय से पहले चुनाव होने की स्थिति में बहुमत हासिल कर सकती है।