
स्पोर्ट्स डेस्क। करीब तीन सप्ताह तक विवादों में घिरे रहे ट्रॉफी नामकरण विवाद के बाद भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के लिए आधिकारिक तौर पर नई ट्रॉफी ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ लॉन्च कर दी गई है। इस ट्रॉफी के साथ पुरानी ‘पटौदी ट्रॉफी’ को रिटायर कर दिया गया है, हालांकि पटौदी की विरासत को सम्मानित करने के लिए अब सीरीज विजेता कप्तान को ‘पटौदी एक्सीलेंसी मेडल’ दिया जाएगा।
सचिन और जेम्स की उपलब्धियों को किया सम्मानित
यह पहली बार है जब किसी द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज को भारत के बल्लेबाजी के लीजेंड सचिन तेंदुलकर और इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के नाम पर समर्पित किया गया है।
- सचिन तेंदुलकर: 200 टेस्ट, 15,921 रन (टेस्ट में सर्वाधिक)
- जेम्स एंडरसन: 188 टेस्ट, 704 विकेट (टेस्ट में तीसरे सर्वाधिक)
तेंदुलकर बोले- टाइगर पटौदी की विरासत बनी रहेगी
सचिन तेंदुलकर ने ट्रॉफी लॉन्च के दौरान कहा, मैंने जैसे ही सुना कि भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के लिए ट्रॉफी का नाम बदला जा रहा है, मैंने पटौदी परिवार से बात कर उन्हें भरोसा दिलाया कि उनका योगदान भुलाया नहीं जाएगा। पटौदी ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है।

एंडरसन ने कहा- गर्व का क्षण है
इंग्लैंड के महान तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने कहा, यह मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात है। भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज हमेशा रोमांचक रही है। उम्मीद है यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी।
ट्रॉफी में तेंदुलकर और एंडरसन की तस्वीरें भी
नवीन ट्रॉफी में दोनों खिलाड़ियों की छवियां शामिल हैं, जो खेल के प्रति उनके योगदान को अमर बनाती हैं। इसके अलावा ECB ने यह स्पष्ट किया है कि पटौदी ट्रॉफी की जगह अब पटौदी मेडल रहेगा, ताकि पटौदी की ऐतिहासिक विरासत बनी रहे।
पटौदी ट्रॉफी का इतिहास
- शुरू हुई: 2007, भारत के पहले टेस्ट (1932) की 75वीं वर्षगांठ पर।
- नामकरण: मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर।
- उनके पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी ने भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए टेस्ट खेले थे।
सीरीज का शेड्यूल
- पहला टेस्ट: 20 जून, लीड्स
- अंतिम टेस्ट: 31 जुलाई, द ओवल, लंदन
- भारत की नजर 2007 के बाद इंग्लैंड में पहली सीरीज जीत पर