
नई दिल्ली – इस साल जुलाई में रिचार्ज प्लान महंगे होने के मोबाइल यूजर्स को परेशानी झेलनी पड़ी थी। यूजर्स अभी इससे उबर ही रहे थे कि महंगाई का एक ओर झटका उन्हें लगने जा रहा है। अब टीवी देखना महंगा होने जा रहा है। दरअसल, टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी आॅफ इंडिया (ट्राई) ने केबल टीवी चैनल के टैरिफ में इजाफा करने के साथ ही 18 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया है। सरकार के फैसले का हो रहा विरोध: हालांकि सरकार के इस फैसले का तमिलानाडु समेत देश के कई हिस्सों में विरोध शुरू हो गया है। केबल टीवी आॅपरेटर का कहना है कि जीएसटी की दर को 18 फीसदी की जगह 5 फीसदी किया जाए। साथ ही टीवी चैनलों की कीमतों को 19 रुपए से घटाकर 5 रुपए किया जाए।
कितने रुपए बढ़ेगा मंथली चार्ज
जीएसटी बढ़ने का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा। मतलब अगर सरकार द्वारा केबल टीवी आॅपरेटर पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाता है, तो आॅपरेटर की तरफ से ग्राहकों से बढ़ी हुई कीमत वसूली जाएगी। ऐसे में अगर आपका मंथली रिचार्ज 500 रुपए है, तो आपको 90 रुपए ज्यादा देने होंगे। वहीं 1000 रुपए के रिचार्ज पर 180 रुपए एक्स्ट्रा पैसे देने होंगे। इसी तरह 1500 रुपए के रिचार्ज पर 270 रुपए ज्यादा देने होंगे। ऐसे में केबल टीवी देखने वाले यूजर्स का मंथली खर्च बढ़ जाएगा।
क्या है केबल टीवी
दरअसल भारत में एंटरटेनमेंट के कई मोड मौजूद हैं। यूजर्स इंटरनेट की मदद से सीधे ओटीटी ऐप से फिल्में और शोज देखते है। वहीं कुछ लोग वायरलैस मोड जैसे टाटा स्काई और डिश टीवी का इस्तेमाल करते हैं। वही कुछ यूजर्स वायर लाइन की मदद से टीवी और शोज देखते हैं, जिसे केबल टीवी के नाम से जाना जाता है।
जुलाई में मोबाइल प्लान्स हुए थे महंगे
ज्ञात हो कि 3 जुलाई से प्राइवेट टेलिकॉम प्रोवाइडर्स के प्रीपेड मोबाइल रिचार्ज प्लान महंगे हो गए थे। जियो, एयरटेल और वोडाफोन इंडिया ने अपने टैरिफ प्लान्स में बढ़ोतरी कर दी थी। इसके बाद ग्राहकों को नए रिचार्ज के लिए 80 से 100 रुपए ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं। हालांकि प्लान्स के महंगे होने का सबसे बड़ा फायदा बीएसएनएल को मिला। सोशल मीडिया बायकॉट जियो, बायकॉट एयरटेल का ट्रेंड चला और लाखों यूजर्स ने अपने नंबर बीएसएनएल में पोर्ट करवा लिए।
ट्राई के इस फैसले से मासिक सदस्यता लागत बढ़ जाएगी। इसका समाज के गरीब तबके पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, जो समाचार, मनोरंजन और दैनिक अपडेट के लिए केबल टीवी पर निर्भर हैं। – टीटीवी दिनाकरन, फाउंडर, एएमएमके पार्टी