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International Cheetah Day 2024 : एमपी चीता प्रोजेक्ट सफलता की ओर, आज दो नर चीते खुले जंगल में छोड़े जाएंगे

भोपाल। मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में चल रहा चीता प्रोजेक्ट सफलता की ओर बढ़ता दिख रहा है। अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस 2024 के अवसर पर दो नर चीतों, अग्नि और वायु को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। इस ऐतिहासिक कदम से न केवल चीता प्रोजेक्ट को नई दिशा मिलेगी, बल्कि पर्यटकों को भी चीतों को प्राकृतिक वातावरण में देखने का अवसर मिलेगा।

चीतों की संख्या में बढ़ोतरी

कूनो में वर्तमान में 12 वयस्क चीते और 12 शावक मौजूद हैं। बीते दो वर्षों में यहां चीतों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जिसमें 19 शावकों का जन्म हुआ है। हालांकि, विशेषज्ञ इसे अभी प्रोजेक्ट की आंशिक सफलता मान रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, चीता प्रोजेक्ट को पूर्ण रूप से सफल तब माना जाएगा जब चीतों की संख्या 500 तक पहुंच जाएगी। यह लक्ष्य हासिल करने में लगभग 15 वर्ष का समय लग सकता है।

चीतों का प्राकृतिक माहौल में बढ़ता कुनबा

नामिबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों की तुलना में कूनो में जन्मे शावकों के सामने जलवायु अनुकूलता जैसी चुनौतियां नहीं हैं। ये सभी यहां की जलवायु में पूरी तरह ढल चुके हैं और स्वस्थ रूप से विकसित हो रहे हैं।

20 चीते लाए गए, 8 की मौत

2022 और 2023 में नामिबिया और दक्षिण अफ्रीका से कुल 20 चीते कूनो लाए गए थे। इनमें से 8 वयस्क चीतों की मौत हो गई। वहीं, जन्मे 19 शावकों में से 12 अब जीवित हैं। इस प्रोजेक्ट की सफलता के लिए विशेषज्ञ बेहतर निगरानी और संरक्षण पर जोर दे रहे हैं।

चार दिसंबर को अग्नि और वायु नामक दो नर चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। यह कदम चीता स्टीयरिंग कमेटी की बैठक के बाद उठाया जा रहा है। अगले चरण में प्रभाष और पावक नामक चीतों को भी जंगल में छोड़ा जाएगा। इसके अलावा, चीता कॉरिडोर विकसित करने की योजना बनाई जा रही है, जो मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश को जोड़ेगा।

क्या हैं आगे की चुनौतियां

हालांकि चीता प्रोजेक्ट के प्रबंधन पर कई बार सवाल उठे हैं, लेकिन विशेषज्ञ इसे संतोषजनक मान रहे हैं। कूनो के वन क्षेत्र को भी विस्तार देकर 1,77,761 हेक्टेयर तक बढ़ा दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीतों की सुरक्षा के लिए और बेहतर इंतजाम और नए रहवास तैयार करने की जरूरत है।

सीएम ने दी बधाई

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि राज्य की धरती पर दौड़ते चीते आज प्रदेश के पर्यटन को नई गति प्रदान कर रहे हैं। डॉ. यादव ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘चीता स्टेट मध्यप्रदेश के नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। कभी भारत से विलुप्त हो चुकी चीतों की प्रजाति को आज मध्यप्रदेश में देखना अत्यंत सुखद है। प्रदेश की भूमि पर दौड़ते चीते आज राज्य के पर्यटन को नई गति प्रदान कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि देश के ‘हृदय प्रदेश’ में चीतों के परिवार के बढ़ने का सिलसिला जारी है। राज्य सरकार पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण हेतु चीतों के संवर्धन के लिए निरंतर कार्यरत है।

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