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इंदौर: IT कंपनी में मिला ऑनलाइन सट्टे का कंट्रोल रूम, 15 राज्यों में फैला है नेटवर्क; क्राइम ब्रांच ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार, कुछ ही घंटों में मिल गई जमानत

इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में ऑनलाइन सट्टे का रैकेट पकड़ा गया है। जिसका नेटवर्क 15 राज्यों में फैला है। प्रदेश के गृह मंत्रालय से आदेश जारी होने के बाद इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने छापेमार कार्रवाई करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। हालांकि, कुछ ही घंटे बाद तीनों आरोपियों को जमानत मिल गई। आरोपित आइटी कंपनी की आड़ में सट्टे का कंट्रोल रूम बनाकर विभिन्न शहरों में एजेंट नियुक्त कर रहे थे।

एप्लीकेशन के माध्यम से चलाते थे सट्टा

क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर के मुताबिक, लंबे समय से यह खबर मिल रही थी कि शहर में सट्टा माफिया सक्रिय है। इसी को लेकर कार्रवाई करते हुए ip-address के आधार पर ऐरन हाइट्स विजय नगर स्थित एक आईटी कंपनी पर छापा मारा गया। जहां पर विशाल सोलंकी निवासी नीमच, गोविंद राठी और अमन को गिरफ्तार किया गया।

आरोपियों ने दिखावे के लिए आईटी कंपनी बना रखी थी। जिसमें ऑनलाइन सट्टे का काम करते थे आरोपियों ने Rocky book.com के नाम की एक वेबसाइट भी तैयार की थी। जिसके माध्यम से वह 15 राज्यों में बैठे हुए अपने कई सट्टे चलाने वाले संचालकों को आईडी देते थे और उस के माध्यम से फिर ऑनलाइन सट्टा खेल पाते थे। आरोपी ऑनलाइन आईडी बना कर देते थे जो कि एंड्रॉयड फोन से भी संचालित हो जाती थी। इस कारण से पुलिस लंबे समय से आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी।

 

दुबई में सरवर, इंदौर से एप्लीकेशन का संचालन

जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने अपना सरवर दुबई में संचालित कर रखा था इस कारण से पुलिस आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने में नाकामयाब रही। छापामार कार्रवाई में खुलासा हुआ कि, इस पूरे गिरोह का सरगना रमेश चौरसिया मुंबई का है जो ऑनलाइन सट्टा चलाता है। वहीं उसका एक और साथी रमेश चौरसिया भी है जो कि अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर बताया जा रहा है। Rocky book.com का सरवर दुबई में बताया जा रहा है। पुलिस आगे की जांच कर रही है।

सीएम को 16 दिसंबर को मिली थी शिकायत

आरोपितों के खिलाफ पिछले दिनों सिमरोल क्षेत्र के अनिल और दिलीप ने शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि, वे एजेंट संदीप, शशिकांत, राजेश, सुभाष, गौरव, राहुल आदि के जाल में फंसे और करोड़ों रुपए गंवा दिए। मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचा और उन्होंने गोपनीय जांच करवाई। सीएम ने 16 दिसंबर को ऑनलाइन सट्टे पर नकेल कसने के लिए अपर मुख्य सचिव (गृह) की अध्यक्षता में कमेटी बनाई। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने छापा मारा।

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