
इंदौर। करीब सवा सौ करोड़ के इंदौर निगम घोटाले में आरोपियों के यहां से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सवा करोड़ रुपए नगद और 20.8 करोड रूपये की संपत्ति सीज की है। अब आगे की कार्रवाई जारी है। ईडी द्वारा बुधवार को दी गई अधिकृत जानकारी के अनुसार इंदौर सब-जोनल कार्यालय ने इंदौर नगर निगम के फर्जी बिल घोटाले में दर्ज एफआईआर को देखते हुए मामले में 5 और 6 अगस्त को इंदौर में 20 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था।
ईडी की जांच से पता चला कि विभिन्न ठेकेदारों ने आईएमसी अधिकारियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और जल निकासी निर्माण कार्य के फर्जी बिल पेश करके अपराध की आय (पीओसी) अर्जित की। जिस काम के लिए फर्जी बिल बनाए गए थे, वह काम न तो जमीन पर किया गया और न ही भुगतान से पहले आईएमसी के अकाउंट और ऑडिट द्वारा सत्यापित किया गया। विभिन्न निजी ठेकेदारों द्वारा आईएमसी के समक्ष फर्जी बिल पेश करके उत्पन्न पीओसी को उनके और निगम अधिकारियों के बीच बांटा गया था।
तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और नकदी बरामद हुई। 2 दिन की तलाशी के बाद 1.25 करोड़ रुपए नगद जब्त कर लिए गए और बैंक खाते, सावधि जमा, और म्यूचुअल फंड और इक्विटी के रूप में कुल 20.8 करोड़ रुपये का निवेश सीज कर दिया गया है।
गौरतलब है कि ईडी ने निगम घौटाले में सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए निगम इंजीनियर अभय राठौर और संयुक्त संचालक (ऑडिट) अनिल कुमार गर्ग और विभिन्न ठेकेदारों के ठिकानों सहित 20 जगह छापे मारे थे।