
भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय (ED) का जांच दल 11.84 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में इंदौर की महिला बैंक अधिकारी और उसके पति की तलाश में जुटा है। महिला अधिकारी स्वीटी सुनेरिया के पति आशीष सलूजा ने बैंक की यह रकम फर्जी खाते के जरिये निकाली और फरार हो गए। इस मामले की जांच अब ईडी ने मनी लांड्रिंग की धाराओं में शुरू की है। दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए ईडी दो बार समन जारी कर चुका है, लेकिन घोटालेबाज दंपति अब तक जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं।
फर्जी खातों में घुमाने के बाद निकाली रकम
इस घोटाले की छानबीन पहले सीबीआई (CBI) कर चुकी है। अब ईडी ने बैंक के एरिया मैनेजर को तलब कर सभी दस्तावेज मांगे हैं। करोड़ों रुपए की यह रकम कई फर्जी खातों में घुमाने के बाद निकाले जाने की जानकारी सामने आई है। इससे बैंक को करीब 12 करोड़ रुपए की चपत लगी है।
ऐसे हुआ घोटाले का खुलासा
इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड तब हुआ, जब एक खाताधारक ने बैंक से अपनी एफडी रिन्यु करने का आग्रह किया। पता चला कि उसकी एफडी (Fixed deposit ) किसी अन्य खातेदार का ओवरड्राफ्ट मंजूर कराने के लिए गारंटर के रूप में जमा की गई थी। इसके एवज में 77 लाख रुपए से अधिक की राशि निकाली गई थी।
फर्जी खातों में ट्रांसफर की गई रकम
पता चला है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) खजराना, इंदौर ब्रांच में मैनेजर रही स्वीटी ने बैंक में डेढ़ दर्जन लोगों के फर्जी खाते खोले और खातेदारों के नाम पर ओवर ड्राफ्ट के बतौर 11.84 करोड़ रुपए निकाल लिए। बताया जा रहा है कि महिला अधिकारी के पति आशीष ने यह रकम शेयर बाजार में लगा दी। यह धोखाधड़ी 2018 से 2021 के बीच की गई। बैंक खातों से ओवरड्राफ्ट की रकम दूसरे फर्जी खातों में ट्रांसफर कर निकाल ली गई थी। ED ने मामले की नए सिरे से छानबीन शुरू कर पीएमएलए (PMLA) की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर सीबीआई से मामले की डिटेल मांगी है।