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वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, ब्रह्ममुहूर्त में हुई गणेश और द्वार पूजा; पावन पल के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु

Char Dham Yatra 2024। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रविवार सुबह बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले गए। ‘बद्री विशाल लाल की जय’ के नारों के बीच श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। इससे पहले ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर के बाहर गणेश पूजन हुआ। इसके बाद पुजारियों ने द्वार पूजा की। मंदिर के कपाट पिछले साल 14 नवंबर को बंद हुए थे।

मंदिर का कपाट तीन चाबियों से खोला गया। कपाट खुलते ही पहले दर्शन अखंड ज्योति के हुए, जो 6 महीने से जल रही है। इसके बाद बद्रीनाथ पर चढ़ा हुआ घी से बना कंबल हटाया गया, जो कपाट बंद होने के समय भगवान को ओढ़ाया जाता है। इस कंबल को प्रसाद रूप में बांटा जाएगा।

6 लाख 83 हजार लोगों ने करवाया रजिस्ट्रेशन

सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के जयकारे लगाते हुए नजर आए। पहले दिन करीब 20 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। बद्रीनाथ धाम दर्शन के लिए 9 मई की शाम तक कुल 6 लाख 83 हजार लोगों के रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। वहीं केदारनाथ में पहले दिन 32 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

नवंबर तक जारी रहेगी तीर्थयात्रा

उत्तराखंड के चार धामों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। तीर्थयात्रा आम तौर पर अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में शुरू होती है और नवंबर तक जारी रहती है। इससे पहले तीन धाम श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बीते शुक्रवार अक्षय तृतीया के दिन 10 मई को ही खोले जा चुके हैं। कपाट खुलने के अवसर पर श्री बद्रीनाथ मंदिर को श्री बद्रीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के सहयोग से मंदिर समिति द्वारा सजाया गया है।

बद्रीनाथ यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है, जो मुख्य रूप से भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा की जाती है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र धाम बद्रीनाथ समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।

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