इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर : BCM ग्रुप के 40 ठिकानों पर आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई, बेहिसाब संपत्ति का खुलासा

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में गुरुवार को आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। शहर के रियल एस्टेट समूह बीसीएम ग्रुप पर आयकर विभाग ने छापामार कार्रवाई की है। समूह के संचालक राजेश मेहता और उनके परिजनों के प्रतिष्ठान और निवास पर यह कार्रवाई चल रही है। अलग-अलग शहरों में समूह के 40 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ है। प्रारंभिक कार्रवाई में ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो बड़ी कर चोरी की पुष्टी करते हैं। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही कोकिलाबेन अस्पताल में भी इस समूह की भागीदारी की बात सामने आई थी। जिसका उद्घाटन पिछले दिनों अमिताभ बच्चन ने किया था।

मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता भी पहुंचीं टीमें

समूह का रियल एस्टेट क्षेत्र में बड़ा इन्वेस्टमेंट है, देश के कई बड़े समूह के साथ इस ग्रुप की भागीदारी है। इंदौर में इस समूह ने कई बड़े प्रोजेक्ट हाथ में ले रखे हैं। जानकारी के अनुसार इंदौर के अलावा मुंबई ,बेंगलुरु ,कोलकाता में भी समूह से जुड़े लोगों की जांच के लिए टीमें पहुंची है।

खरीदार बनकर पहुंचे थे अधिकारी

जानकारी के मुताबिक, बीते कुछ दिनों पहले आयकर विभाग के अधिकारी खरीदार बनकर यहां पहुंचे थे। कागज पर कम दामों पर बिक्री दिखाने की पुष्टि होने के बाद ही छापेमार कार्रवाई की गई। बीसीएम समूह के डायरेक्टर राजेश मेहता अरुण मेहता, नवीन मेहता, रोहित मेहता व ऋषभ मेहता इसमें शामिल हैं। आयकर टीम लगातार सभी कारोबारियों के सर्वे की कार्रवाई कर रही है।

आयकर विभाग के निशाने पर हैं रियल एस्टेट कारोबारी

बात की जाए रियल एस्टेट कारोबार की तो इंदौर में कुछ समय पहले जोडियक मॉल को बीसीएम जमीन मुहैया करा चुका है। इससे पहले समूह बीसीएम डाइट बीसीएम आर्केड, बीजीएम पेराडाइज बीसीएम प्लेनेट, बीसीएम सिटी जैसे प्रोजेक्ट पूरे कर चुका है। सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग को बिक्री की कीमतों के साथ प्रोजेक्ट में खरीदने वाली जमीन में कागजों में कम मूल्य दिखाया गया था। इसके साथ ही कैपिटल गेन के मामले में भी गड़बड़ी पाई गई।

बता दें कि, शहर में लगातार रियल एस्टेट कारोबारी अधिकारियों के निशाने पर हैं। बीते 4-5 महीने में कई ऐसे बड़े समूह पर आयकर विभाग ने छापामार कार्रवाई की है, जिनके रियल एस्टेट कारोबार में कागजों में कई अनियमितताएं थी।

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