
इंदौर। जाति प्रमाण पत्र मामले की जांच पूरी नहीं करने पर कोर्ट की अवमानना में इंदौर हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने वार्ड क्रमांक 65 के भाजपा पार्षद कमलेश कालरा सहित तीन प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ 5,000 रुपए का जमानती वारंट जारी किया। यह आदेश प्रमुख सचिव पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक विभाग अजीत केसरी, आयुक्त सौरभ कुमार, एसडीएम घनश्याम धनगर और भाजपा पार्षद कमलेश कालरा पर लागू होता है।
क्या है पूरा मामला?
हाईकोर्ट अधिवक्ता मनीष यादव ने बताया कि कांग्रेस के प्रत्याशी सुनील यादव ने भाजपा पार्षद कमलेश कालरा पर फर्जी तरीके से पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनाकर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया था। इस मामले में सुनील यादव ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में छानबीन समिति को 6 माह के भीतर जाति प्रमाण पत्र की जांच पूरी करने का आदेश दिया था। लेकिन, एक वर्ष बीत जाने के बावजूद जांच पूरी नहीं हुई, जिससे याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
कोर्ट ने जाहिर की नाराजगी
हाईकोर्ट ने मामले में देरी और जांच पूरी न होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। साथ ही भाजपा पार्षद कमलेश कालरा और अन्य तीन अधिकारियों के खिलाफ 5,000 रुपए का जमानती वारंट जारी किया गया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 3 मार्च 2025 तय की है।
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