
हेमंत नागले, इंदौर। मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में किन्नर समाज के लोग कलेक्टर के समक्ष पहुंचे, जहां पर कलेक्टर से उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा थर्ड जेंडर व्यक्तियों को आई कार्ड दिए जा रहे हैं। लेकिन, उसके पहले सैकड़ों वर्ष पुराने किन्नर समाज के लोगों से विभाग द्वारा किसी तरह से बातचीत नहीं की गई। ऐसे में असली और नकली किन्नर को लेकर हमेशा से शहर में विवाद होता रहता है। जिला प्रशासन द्वारा जो सीधे तौर पर डॉ. सर्टिफिकेट पर किन्नरों को यह कार्ड दिया जा रहा है, आने वाले समय में उससे बड़ा विवाद हो सकता है।
आने वाले समय में हो सकता है विवाद!
किन्नरों का कहना था कि वर्षों पुराने नंदलालपुरा स्थित मठ में जो किन्नर वर्षों से यही काम कर रहे हैं, उन्हें जिला प्रशासन संज्ञान में रखकर उनके कार्ड बनाएं, अन्यथा आने वाले समय में विवाद हो सकता है। क्योंकि, वर्तमान में देखा जा रहा है कि शहर में लगातार नकली और असली किन्नरों के बीच विवाद चलता रहा है और सामाजिक न्याय विभाग द्वारा डॉक्टरों के सर्टिफिकेट के बाद उनके कार्ड बनाए जा रहे हैं।
किन्नर समाज के व्यक्ति ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि कुछ लोग साड़ी पहनकर नकली किन्नर बनकर विजय नगर थाना क्षेत्र में पहुंचे थे, जहां उन्होंने इलाके में रहकर किसी व्यक्ति को खूब डराया और रूपए भी मांगे थे। जिसके बाद पुलिस के पास असली किन्नरों ने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। यदि जिला प्रशासन ने असली और नकली किन्नर को लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो आने वाले समय में कोई बड़ा विवाद हो सकता है।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) May 9, 2023