
इंदौर का चर्चित आबकारी घोटाले मामले में प्रदेश सरकार ने आज बड़ी कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए इंदौर के सहायक आबकारी आयुक्त राजनारायण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि शराब ठेकेदारों ने अधिकारियों के संग मिलकर 4.70 करोड़ रुपये की चपत लगाई थी।
ई-टेंडर से दिए थे शराब के ठेके
दरअसल ई-टेंडर के माध्यम से 2022-23 के लिए शराब ठेके दिए गए थे। उनमें एमआईजी समूह का ठेका लेने वाला ठेकेदार मोहन कुमार अपनी बकाया जमा राशि चुकाए बिना ही भाग गया था। कलेक्टर मनीष सिंह ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी अधिकारियों को नोटिस भी जारी किए थे। इसके बाद प्रमुख सचिव वाणिज्य कर को भेजे पत्र में शासन ने राजस्व क्षति का जिक्र किया था। इसमें सहायक आयुक्त आबकारी की लापरवाही सामने आई थी।
राजस्व क्षति के मामले में सहायक आयुक्त आबकारी द्वारा की गई लापरवाही और फर्जी एफडीआर की जांच नहीं करने को गंभीर त्रुटि बताया। इसके साथ ही फर्जी एफडीआर की जांच न करने को गंभीर त्रुटि बताया है। इन्हीं कारणों से सहकारी आबकारी आयुक्त को निलंबित कर दिया गया है।
राज्य शासन ने जारी किया आदेश
सहायक आयुक्त आबकारी राजनारायण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के लिए राज्य शासन ने आदेश जारी किया है। इस आदेश में लिखा है उपरोक्त अनियमितताओं के फलस्वरूप राज्य शासन एतदद्वारा राजनारायण सोनी, सहायक आबकारी आयुक्त, जिला इंदौर को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
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निलंबन की अवधि के चलते राजनारायण सोनी का मुख्य कार्यालय उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता इंदौर रहेंगा। इस निलंबन अवधि में ये नियमानुसार ही अपना जीवन निर्वाह कर सकेंगे। इन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने की पात्रता होगी।