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CM डॉ. यादव की घोषणा : भोपाल की तरह इंदौर का BRTS भी हटेगा, सुलझेगी ट्रैफिक की दिक्कत,जरूरत पड़ी तो कोर्ट में रखेंगे पक्ष

इंदौर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाद अब इंदौर में भी बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) हटाया जाएगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के बीआरटीएस कॉरिडोर को लेकर गुरुवार को बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि भोपाल की तरह इंदौर का बीआरटीएस भी हटाया जाएगा। जरूरत होगी तो सरकार इसको लेकर अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष भी रखेगी।

सीएम ने कहा, भोपाल में जैसे बीआरटीएस हटाया गया, उससे यातायात में सुविधा मिली है। इंदौर में भी बीआरटीएस को लेकर हमें लोगों की शिकायतें मिल रही हैं, जो भी तरीका लगाना पड़ेगा, इसे हटाएंगे। हमारे चौराहों पर यातायात की समस्या आ रही है, ब्रिज बनाकर समाधान खोजेंगे। ब्रिज बनाएंगे तो बीआरटीएस हटाना ही पड़ेगा।

हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन

इंदौर में बीआरटीएस तोड़ने या न तोड़ने का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। दरअसल, इंदौर में निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा तक करीब 11.5 किमी लंबा बीआरटीएस बना हुआ है।

इसे लेकर दो जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में लगी थी, जिसे हाईकोर्ट की मुख्य पीठ (जबलपुर) ट्रांसफर कर दिया है। मंगलवार को मुख्य न्यायाधिपति के सामने मामले में सुनवाई भी होना थी, लेकिन नंबर नहीं आया।

भोपाल में बीआरटीएस हटाने के यह फायदे

  • इसके हटने से रोड चौड़ी हुई।
  • पीक आवर्स में ट्रैफिक की
  • स्पीड तेज हुई।
  • लोगों को जाम से निजात मिली।

2013 से प्रोजेक्ट पर उठ रहे हैं सवाल

  • इसे सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने चुनौती दी।
  • हाईकोर्ट में दो अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गर्इं।
  • पहली याचिका साल 2013 में, दूसरी साल 2015 में दायर की।
  • इंदौर खंडपीठ में 23 सितंबर 2024 को मामले पर हुई सुनवाई।
  • हाईकोर्ट ने पांच विशेषज्ञों की समिति बनाने का आदेश दिया।
  • समिति वर्तमान हालात में बीआरटीएस की उपयोगिता जांचेगी।
  • 18 नवंबर 2024 को याचिका को जबलपुर ट्रांसफर कर दी गई।

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