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अल कायदा चीफ अल जवाहिरी का खात्मा करने वाले प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगी Indian Navy, चीन की हर हरकत पर रहेगी नजर

नई दिल्ली। हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना अपना निगरानी तंत्र मजबूत कर रही है। इसी कड़ी में उसने अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Indian Navy Chief) ने शनिवार को कहा कि अमेरिका से ‘प्रीडेटर’ ड्रोन के एक बेड़े की खरीद की प्रक्रिया चल रही है। प्रस्ताव तैयार हो चुका है। प्रीडेटर ड्रोन के जरिये चीन से लगी सीमा और हिंद महासागर क्षेत्र में सर्विलांस सिस्टम मजबूत होगा।

3 अरब डॉलर से आएंगे 30 MQ-9 प्रीडेटर ड्रोन

नौसेना प्रमुख ने बताया कि 3 अरब डॉलर की लागत से 30 एमक्यू-9 बी प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन खरीदने की तैयारी थी। यह खरीद प्रक्रिया में है। उन्होंने बताया कि हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या ड्रोन की संख्या बढ़ाने की जरूरत है? एमक्यू-9बी ड्रोन एमक्यू-9 ‘रीपर’ का एक वर्जन है। हेलफायर मिसाइल के अपग्रेडेड वर्जन को ‘लॉन्च’ करने के लिए एमक्यू-9 रीपर का उपयोग किया गया था। इस मिसाइल ने 31 जुलाई को काबुल में अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी (Al Jawahiri Death) का खात्मा किया था।

लीज पर लिए गए ड्रोन का कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया

वर्ष 2020 में भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में निगरानी के लिए जनरल एटोमिक्स से दो एमक्यू-9 बी सी गार्जियन ड्रोन लीज पर लिए थे। हालांकि, बाद में इनका लीज कॉन्ट्रैक्ट बढ़ा दिया गया। नौसेना प्रमुख एडमिरल कुमार ने कहा- लीज पर लिए गए इन ड्रोन्स के संचालन से हमने अच्छे अनुभव हासिल किए।

तीनों सेनाओं को मिलेंगे 10-10 ड्रोन

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जंगी जहाजों पर खासतौर से सेना की नजर है। इसके चलते इंडियन नेवी ने इन सशस्त्र ड्रोन की खरीद का प्रस्ताव दिया था। सूत्रों के मुताबिक आर्मी, नेवी और एयरफोर्स तीनों सेनाओं को 10-10 ड्रोन मिलेंगे। यह ड्रोन अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लक्ष्य को निशाना बनाने वाला पहले मानवरहित ड्रोन हैं।

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