
नई दिल्ली। संसद के वर्तमान सत्र में केंद्र सरकार वायुयान विधेयक 2024 बुधवार को लोकसभा में पेश करेगी। देश के नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापू इस नए बिल को सदन में चर्चा के लिए रखेंगे। यह बिल पारित होने के बाद अब 90 साल पुराना एयरक्राफ्ट एक्ट बिल-1934 खत्म हो जाएगा और देश के एविएशन सेक्टर के लिए नया कानून लागू हो जाएगा।
नए बिल में ये होंगे खास बदलाव
भारतीय वायुयान विधेयक 2024 हवाई जहाज़ों के डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, इस्तेमाल, उड़ान, बिक्री, निर्यात और आयात के नियमों और नियंत्रण के लिए है। अब तक देश में एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 लागू है जो 90 साल पुराना हो चुका है और इसके कई प्रावधान आज के दौर में उपयोगी नहीं है। उन्हें बदलने के लिए ही सरकार ने नया विधेयक संसद में पेश किया है।
भारतीय वायुयान विधेयक 2024 में कई नए कानून शामिल होंगे। एक अहम कानून के एविएशन सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए होगा। इसके साथ ही एयरलाइन बिजनेस को आसान बनाने अंतरराष्ट्रीय समझौतों के हिसाब से भी इस बिल में जरूरी प्रावधान किए गए हैं।
ये हैं नए विधेयक के अहम बिंदु
- विधेयक के जरिए डीजीसीए(DGCA), बीसीएएस(BCAS) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो को अधिक अधिकार दिए जाएंगे।
- विमान की परिभाषा को बदला गया है। पतंग, ग्लेडिएटर आदि को इस श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। नई परिभाषा के अनुसार अब वायुयान उस मशीन को कहा जाएगा जो रिएक्शन की मदद से पृथ्वी की सतह के ऊपर जाएगा और वायुमंडल में हवा की मदद से उड़ान भरेगा।
- नए बिल में भारत की एविएशन पॉलिसी को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के मुताबिक बनाने का प्रावधान है।
- विधेयक में आत्मनिर्भर भारत के तहत विमान की डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग को लेकर भी कानून होगा।
- विधेयक के जरिए केंद्र सरकार एविएशन सेक्टर में आने वाली निर्माण गतिविधियों को या तो बैन कर सकेगा या रोक सकेगा। इसके साथ ही विमानन के लिए नियम बनाने, निर्देश देने, विमान को रोकने और आपातकालीन आदेश पारित देने का अधिकार भी केंद्र को होगा।
- केंद्र सरकार अब एयर रूट्स को लेकर ज्यादा मजबूत होगी और वह किसी भी रूट पर उड़ान भरने पर रोक लगा सकता है या एयर रूट पर विमानों की एंट्री बैन कर सकती है।
- विधेयक में ये प्रावधान भी होंगे कि प्लेन या हेलीकॉप्टर का मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग के लिए केंर्द सरकार नियम बना सकेगी। जिनका पालन एयरलाइन कंपनियों को करना होगा।
- विधेयक में ये प्रावधान भी है कि खतरनाक उड़ान के मामले में वह लाइसेंस भी रद्द कर सकेगी।
- नए विधेयक में फ्लाइट कैंसिल या लेट होने पर यात्री को मुआवजा देने का नियम भी होगा।
- विधेयक में किसी अहम कारण से हवाई जहाज को रोकने और जरूरी होने पर विमान को कब्जे में लेने और वापस देने के भी अधिकार केंद्र सरकार को होंगे।
पुराने कानून में पतंग भी थी एयरक्राफ्ट
वायुयान अधिनियम, 1934 की धारा 2 में एयरक्राफ्ट यानी वायुयान की परिभाषा तय की गई थी। 90 साल पुरानी परिभाषा के मुताबिक वायुयान हर उस मशीन को कहा जा सकता था, जो हवा में उड़ता है। ऐसे में बैलून, एयरशिप, ग्लाइडर और फ्लाइंग मशीन के साथ पतंग भी एयरक्राफ्ट की श्रेणी में आती थी। नियम के अनुसार बगैर लाइसेंस एयरक्राफ्ट नहीं उड़ाया जा सकता, लिहाजा पतंग उड़ाने के लिए भी लाइसेंस की जरूरत थी। हालांकि, इसका पालन नहीं होता था। यही वजह है कि इस तरह के गैर जरूरी कानूनों को बदलकर सरकार नया कानून लाना चाहती है।
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