
नई दिल्ली। देशभर में नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को जांचने और युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रस्तावित ‘ऑपरेशन शील्ड’ को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। यह मॉकड्रिल 29 मई (गुरुवार) को पाकिस्तान सीमा से सटे 6 राज्यों जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ में होनी थी। अब गृह मंत्रालय ने इसे प्रशासनिक कारणों से टाल दिया है।
क्या है ऑपरेशन शील्ड?
ऑपरेशन शील्ड, गृह मंत्रालय की एक सिविल डिफेंस एक्सरसाइज है। जिसका मकसद आम नागरिकों और प्रशासन को युद्ध या आतंकी हमले की स्थिति में प्रशिक्षित करना है। इस मॉकड्रिल के दौरान एयर स्ट्राइक, ब्लैकआउट, इमरजेंसी एग्जिट, मेडिकल सहायता, लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाना जैसी स्थितियों का अभ्यास किया जाता है।
क्यों टाल दिया गया ऑपरेशन शील्ड?
गृह मंत्रालय ने सभी संबंधित राज्यों और सिविल डिफेंस अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए बताया कि ऑपरेशन शील्ड को अगली सूचना तक स्थगित किया जा रहा है। पंजाब में यह ड्रिल अब 3 जून को की जाएगी जबकि अन्य राज्यों में इसकी नई तारीखों का ऐलान जल्द होगा।
7 मई को देशभर में हुआ था अभ्यास
इससे पहले 7 मई को देश के 244 जिलों में मॉकड्रिल की गई थी। इसमें 12 मिनट का ब्लैकआउट भी शामिल था। यह मॉकड्रिल “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद की गई थी, जिसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर 100 आतंकियों को मार गिराया था।
मॉकड्रिल के मुख्य बिंदु
- हमले से पहले चेतावनी देने के लिए सायरन बजाए जाते हैं।
- लोगों को सिखाया जाता है कि कैसे सुरक्षित स्थानों पर जाना है।
- सभी लाइट्स बंद कर दी जाती हैं ताकि दुश्मन को निशाना साधने में कठिनाई हो।
- कारखानों, मिलिट्री बेस आदि को ढकने की प्रक्रिया होती है।
- हमले की स्थिति में लोगों को सुरक्षित निकालने का अभ्यास किया जाता है।
1971 के बाद अब इतने बड़े स्तर पर अभ्यास
पिछली बार भारत में इतनी बड़ी मॉकड्रिल 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान हुई थी। 2024 के पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद की एयरस्ट्राइक के चलते एक बार फिर देश को तैयार करने की दिशा में यह कदम उठाया गया था।
नागरिकों की भागीदारी से होना था अभ्यास
इस मॉकड्रिल में सिविल डिफेंस वॉर्डन, एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के वॉलंटियर्स और स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स की भागीदारी प्रस्तावित थी। साथ ही आम नागरिकों को भी जागरूक करने की योजना थी ताकि वे आपातकाल में प्रशासन की मदद कर सकें।
ड्रोन हमले की सूरत में भी था प्लान
इस मॉकड्रिल के तहत ड्रोन अटैक के बाद सेना के स्टेशनों और उनके परिवारों को सुरक्षित निकालने की भी प्रैक्टिस की जानी थी। इसमें 20 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का रेस्क्यू सिमुलेशन भी शामिल था।
क्या होता है ब्लैकआउट?
ब्लैकआउट एक तरह की तैयारी होती है जिसमें रात के समय बिजली की सप्लाई कुछ समय के लिए बंद कर दी जाती है। इससे दुश्मन की निगाहों से क्षेत्र को छिपाया जा सकता है।
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