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भारत ने समुद्री लुटेरों को जवाब देने तैनात किए 10 युद्धपोत

अरब सागर और अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना की तैयारी

नई दिल्ली। भारत ने 10 युद्धपोत अरब सागर और अदन की खाड़ी में उतार दिए हैं। ये तैयारी समुद्री लुटेरों को रोकने के लिए की जा रही है। साथ ही व्यापारिक जहाजों पर होने वाले ड्रोन हमलों को रोकने के लिए है। इन सभी 10 जंगी जहाजों में मरीन कमांडो मौजूद हैं। अरब सागर और अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना का समुद्री लुटेरों के खिलाफ मुहिम स्वतंत्र है, जबकि अमेरिका अपनी तरफ से एक अंतरराष्ट्रीय मुहिम चला रहा है। जिसका नाम है- ऑपरेशन प्रॉसपैरिटी गार्जियन। ये ऑपरेशन यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में व्यापारिक और मिलिट्री जहाजों पर हमले के बाद शुरू किया गया था। भारतीय नौसेना लगातार अरब सागर में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज करा रही है। नौसेना के जंगी जहाज पूरे अरब सागर में अलग- अलग जगहों पर तैनात हैं, ताकि लुटेरों और ड्रोन हमलों से व्यापारिक जहाजों को बचाया जा सके।

कई जंगी जहाज हैं तैनात, कोस्टगार्ड भी कर रहा मदद

तैनात जंगी जहाजों में INS कोलकाता, INS कोच्चि, INS चेन्नई और INS मोरमुगाओ जैसे स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर्स शामिल हैं। वहीं मल्टीरोल फ्रिगेट INS तलवार और INS तरकश भी तैनात किए गए हैं। कोस्ट गार्ड के जहाज भी नौसेना के साथ गश्ती में कर रहे हैं।

नौसेना ने दी चेतावनी- हर हमले का जवाब देंगे

नौसेना ने चेतावनी दी है कि हमारे युद्धपोतों में हर तरह के हमलों को जवाब देने की काबिलियत है। अगर समुद्री लुटेरे और ड्रोन हमले करने वाले भारतीय नौसेना को कमजोर आंकते हैं, तो वो सतर्क हो जाएं। उनकी एक भी गलत हरकत उनके लिए मौत का रास्ता खोल सकती है।

अरब सागर में उड़ान भर रहे लड़ाकू विमानं

भारतीय नौसेना के पी8आई विमानों और एमक्यू-9बी सी गार्जियन प्रीडेटर ड्रोन्स द्वारा लगातार इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रीकॉन्सेंस मिशन किए जा रहे हैं। ये दोनों लगातार अरब सागर से लाइव फीड्स, हाई-रेजोल्यूशन तस्वीरें मुहैया करवा रहे हैं। इस काम में उनके इलेक्ट्रो-ऑप्टिक और एडवांस सेंसर्स काम कर रहे हैं।

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