ग्वालियरमध्य प्रदेश

2012 में हुई आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के दोषियों को 4-4 साल की सजा

ग्वालियर। करीब 10 साल पहले भिंड जिले में आयोजित हुई आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने मूल परीक्षार्थी और सॉल्वर रहे दो लोगों को चार- चार साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों पर 14-14 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। इस मामले में सॉल्वर सोनू राठौर ही न्यायालय में पेश हुआ, जो जमानत पर चल रहा था। सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट के निर्देश पर उसे जेल भेज दिया गया, जबकि मूल परीक्षार्थी राजकुमार त्यागी और फिजिकल टेस्ट में शामिल रहा प्रदीप त्यागी फरार है। मूल परीक्षार्थी राजकुमार त्यागी के खिलाफ न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

2012 में हुई थी परीक्षा

आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012 में भिंड में आयोजित की गई थी। इसमें राजकुमार त्यागी ने अपना परीक्षा फार्म भरा था। लेकिन, उसने फिजिकल में प्रदीप त्यागी को भेजा तो सॉल्वर के रूप में सोनू राठौर शामिल हुआ। लेकिन अलग-अलग हस्ताक्षर और फोटो मिसमैच होने के कारण यह मामला वहां पर्यवेक्षकों ने पकड़ लिया।

2014 में सीबीआई के पास आया मामला

शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि भिंड जिला न्यायालय में इस मामले में चालान पेश किया गया। लेकिन, 2014 में मामले की सीबीआई जांच के आदेश हुए तब इस मामले को सीबीआई ने अपने अंडर में ले लिया और नए सिरे से विशेष न्यायालय में चालान पेश किया। सीबीआई ने सॉल्वर सोनू राठौर और राजकुमार त्यागी को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन दोनों को जमानत मिल गई। बुधवार को सुनवाई के वक्त सिर्फ सॉल्वर सोनू राठोर पेश हुआ, जबकि राजकुमार त्यागी गायब था। उधर इस मामले में फिजिकल टेस्ट में शामिल रहा प्रदीप त्यागी शुरुआत से अब तक फरार है। उसे भी गिरफ्तार करने के निर्देश सीबीआई की विशेष कोर्ट ने पुलिस को दिए हैं। राजकुमार त्यागी को आरक्षक बनवाने के लिए जहां प्रदीप त्यागी ने फिजिकल टेस्ट पास किया, वहीं सोनू राठौर सॉल्वर के रूप में शामिल हुआ था। ऐन वक्त पर वह पकड़ लिया गया। विशेष न्यायालय ने राजकुमार और सोनू पर अलग-अलग धाराओं में 28,200 रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।

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