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चीनी वायरस का भारत में बढ़ा खतरा, तीसरा केस गुजरात में मिला, दो महीने का बच्चा संक्रमित

अहमदाबाद। चीन में फैले HMPV वायरस की दस्तक ने भारत में भी चिंता बढ़ा दी है। बेंगलुरु के बाद अब गुजरात के अहमदाबाद में तीसरा केस मिला है। अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती दो महीने के एक बच्चे के ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

राजस्थान से गुजरात आया 2 महीने का बच्चा संक्रमित

अधिकारी ने बताया कि राजस्थान के डूंगरपुर के रहने वाले शिशु को श्वसन संक्रमण के लक्षणों की वजह से 24 दिसंबर को चांदखेड़ा स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अहमदाबाद नगर निगम के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी भाविन सोलंकी ने बताया कि जांच के बाद उसे एचएमपीवी से संक्रमित पाया गया।

सोलंकी ने कहा कि मरीज के एचएमपीवी (संक्रमण) से संक्रमित होने की पुष्टि 26 दिसंबर को हो गई थी, लेकिन हमें इसकी आज जानकारी मिली क्योंकि निजी अस्पताल ने हमें इसकी सूचना देर से दी।” अधिकारी ने बताया कि मरीज को आइसोलेशन में रखा गया है। सोलंकी ने बताया कि इससे पहले बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया था और अब उसकी हालत स्थिर है।

6 जनवरी को तीन केस सामने आए

  • पहला केस – कर्नाटक में 8 महीने का बच्चा
  • दूसरा केस – कर्नाटक में 3 महीने का बच्ची
  • तीसरा केस – गुजरात में 2 महीने का बच्चा

चीन में कई जगह इमरजेंसी घोषित होने का दावा 

सोशल मीडिया में मरीजों का एक पोस्ट शेयर किया गया। इस पोस्ट के जरिए ये दावा किया जा रहा है की चीन में वायरस फैलने के बाद कई इलाकों में इमरजेंसी घोषित की गई है। दावे के मुताबिक अस्पतालों और श्मशान घाटों में भीड़ बढ़ रही है। हालांकि, चीन ने ऐसी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

चीन के CDC ने अस्थमा और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित लोगों में संक्रमण का अधिक खतरा बताया है। खांसने और छींकने से वायरस तेजी से फैल सकता है, और गंभीर मामलों में यह ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का कारण बन सकता है। रॉयटर्स के अनुसार, चीन इस वायरस पर काबू पाने के लिए निगरानी सिस्टम का परीक्षण कर रहा है।

सर्दियों में HMPV वायरस का खतरा 

HMPV वायरस की पहचान सबसे पहले 2001 में हुई थी। एक डच रिसर्चर ने इस संक्रमण का पता लगाया था। हालांकि, ये वायरस पिछले 6 दशकों से मौजूद है। ये वायरस सभी तरह के मौसम में वातावरण में मौजूद होता है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा फैलने का खतरा सर्दियों में होता है।

कितना खतरनाक है HMPV?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक एयरबोर्न डिजीज यानी वायुजनित रोग है, जो गंभीर साबित हो सकता है। यह हवा के जरिए तेजी से फैलने के कारण अत्यधिक संक्रामक होता है और फेफड़ों को प्रभावित कर गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है। HMPV वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार है भारत 

भारत में, डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) अतुल गोयल ने कहा कि मेटान्यूमोवायरस के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि चीन में इसका प्रकोप गंभीर है, लेकिन भारत में यह एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है। गोयल ने कहा कि यह आमतौर पर जुकाम या फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है।

गोयल ने कहा कि सर्दी के दिनों में रेस्पिरेटरी वायरस इन्फेक्शन होते हैं। हमारे अस्पताल और इंस्टीट्यूशंस इसको हैंडल करने के लिए तैयार हैं।

HMPV के लक्षण

चीन के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक, इससे संक्रमित मरीजों में सर्दी और कोरोना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस वायरस के प्रमुख लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गले में घरघराहट और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। इससे सबसे अधिक प्रभावित हो रहे दो साल से कम उम्र के बच्चों के सात ही, पहले से सांस की बीमारियों जैसे अस्थमा और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से ग्रसित मरीजों में भी देखने को मिल रहा है।

कैसे फैलता है संक्रमण

HMPV वायरस खांसने और छींकने से फैलता है। फैलने का खतरा अधिक है। वायरस का असर ज्यादा होने पर इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है। चीन में HMPV के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

कैसे करें बचाव

  • कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोएं
  • चेहरे को हाथ साफ किए बिना न छुएं
  • भीड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें।

पांच साल पहले कहर बरपा चुका है कोविड

यह स्थिति 2019 में चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस की याद दिला रही है। तब इसे रहस्यमयी निमोनिया समझा गया था, लेकिन यह सार्स-कोव-2 वायरस निकला। जिसके तहत 70 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए और 70 लाख से अधिक मौतें हुईं। 30 जनवरी 2020 को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वैश्विक महामारी घोषित किया।

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