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PM की हर चुनावी सभा में एंबुलेंस कहां से आ जाती है, क्या ये सुरक्षा में चूक नहीं… कांग्रेस ने उठाए सवाल

गुजरात और हिमाचल चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभाओं, रोड-शो और रैलियों के बीच एंबुलेंस का आना चर्चा में है। सितंबर से लेकर अब तक तीन बार पीएम के काफिले के बीच एंबुलेंस आ चुकी हैं। भाजपा इसे मोदी की दरियादिली तो विपक्ष समेत कई लोग इसे चुनावी स्टंट बता रहे हैं। गुरुवार को भी गुजरात से ऐसा ही एक वीडियो आया, जिनमें पीएम मोदी (PM Narendra modi) एक खुली गाड़ी में हैं और एसपीजी कमांडो पीछे से आ रही एंबुलेंस को रास्ता दे रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा एंबुलेंस को रास्ता दिए जाने का प्रचार-प्रसार भाजपाई भी जोर शोर से कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस समेत कुछ गैर राजनीतिक लोगों ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री और उनकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

भाजपा ने की तारीफ, कांग्रेस ने तंज

भाजपा (BJP) ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा- पीएम नरेंद्र मोदी ने गुजरात में रोड शो के दौरान एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए अपना काफिला रुकवाया। देखिये, यूं ही नहीं कहते प्रधान सेवक।

युवक कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्विटर पर इसका फोटो शेयर कर पूछा- हर एक चुनावी रैली में अचानक से बिना किसी सुरक्षा जांच के Ambulance का प्रधानमंत्री के एकदम करीब आना, उनकी गाड़ी को ओवरटेक करना उनकी सुरक्षा में गहरी चूक का विषय है। आपकी क्या राय है?

ट्विटर यूजर बोले – यह चुनावी नौटंकी

श्रीनिवास के वीडियो पर एक यूजर ने इसे नौटंकी करार दिया। सेवादल यूपी के हैंडल से लिखा गया- यह निष्पक्ष जांच का विषय है, क्योंकि पीएम के काफिक के प्रोटोकॉल में कहीं, किसी रास्ते से कोई चिड़िया तक पर नहीं मार सकती। गाड़ी/एंबुलेंस की बात तो बहुत दूर की बात है। काफिले के कई किलोमीटर आगे सुरक्षा वाहन चलते हैं और ट्रैफिक भी रोक दिया जाता है।

रुकी हुई एंबुलेंस के वीडियो भी सामने आए

श्रीनिवास बीवी के वीडियो पर कमेंट करते हुए अहमद कबीर नाम के एक यूजर ने कल का ही एक वीडियो शेयर किया। इसमें लिखा है- गुजरात का आज का ही एक और वीडियो, जिसमें मरीजों से भरी एंबुलेंस को रास्ता नहीं दिया गया, क्योंकि यह स्क्रिप्ट का पार्ट नहीं था। एंबुलेंस कम से कम 15 मिनट तक खड़ी रही, जब तक पीएम का काफिला निकल नहीं गया। @mr_mayank नाम के एक यूजर ने भी एंबुलेंस का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें पीएम मोदी के काफिले के चलते एक एंबुलेंस रुकी हुई नजर आ रही है।

24 घंटे पहले ही तय हो जाता है पीएम का रूट

प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा एसपीजी (SPG) के हवाले होता है। ऐसे में उनका रूट यात्रा के 24 घंटे पहले ही तय हो जाता है।  हालांकि, उस पर आखिरी मुहर करीब 7 घंटे पहले लगती है। पीएम के रूट पर ट्रैफिक डायवर्जन होता है, क्योंंकि उनकी सुरक्षा व्यवस्था में तीन से 5 हजार पुलिसकर्मी लगते हैं। यही नहीं, पीएम को यदि आसपास हवाई यात्रा करनी है तो पहले से वैकल्पिक मार्ग तय हो जाते हैं। एसपीजी इसकी व्यवस्था राज्य की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से करती है। पिछले

कब-कब मोदी के काफिले के सामने आई एंबुलेंस

1 दिसंबर 2022 : गुजरात में पहले चरण की वोटिंग के बाद पीएम मोदी ने अहमदाबाद में रोड शो किया। 50 किमी लंबे इस रोड में पीएम के काफिले के बीच एक एंबुलेंस आ गई थी। इसका एक वीडियो सामने आया, जिसमें पीएम खुली गाड़ी में दिख रहे हैं और एसपीजी कमांडो एंबुलेंस को  रास्ता दे रहे हैं।

9 नवंबर 2022 : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के काफिले के के बीच एंबुलेंस आ गई थी। मोदी ने इसे रास्ता दिया था। इसका वीडियो भाजपा और पार्टी के नताओं ने काफी वायरल किया था। इसमें बताया गया था कि पीएम ने अपना काफिला रुकवाकर एंबुलेंस को रास्ता दिया।

30 सितंबर 2022 : गुजरात में पीएम मोदी के काफिले के बीच एक एंबुलेंस आई। माेदी को सड़क पर एंबुलेंस रुकी दिखी तो उन्होंने तुरंत सुरक्षाकर्मियों से कहकर अपना काफिला रुकवाया और एंबुलेंस को निकालने का निर्देश दिया। इस दौरान कुछ देर उनके काफिले के वाहन रुके रहे। मोदी इस दिन सड़क मार्ग से अहमदाबाद में सभा के बाद गांधीनगर की ओर जा रहे थे।

 

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