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भारतीय रेलवे में बढ़ती महिला शक्ति : लोको पायलट से स्टेशन मास्टर तक निभा रहीं अहम भूमिका

भारतीय रेलवे, जो देश के सबसे बड़े रोजगार प्रदाताओं में से एक है, महिलाओं को सशक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में रेलवे में महिला कर्मचारियों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जो अब 1.13 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है। यह कुल कार्यबल का 8.2 प्रतिशत है, जबकि 2014 में यह 6.6 प्रतिशत था।

महिला कर्मचारियों की भूमिकाएं और उपलब्धियां

  • भारतीय रेलवे में महिलाएं प्रमुख परिचालन भूमिकाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
  • 2,162 महिलाएं लोको पायलट के रूप में ट्रेन चला रही हैं।
  • 794 महिला ट्रेन मैनेजर (गार्ड) की भूमिका निभा रही हैं।
  • 1,699 महिला स्टेशन मास्टर पूरे देश में रेलवे संचालन संभाल रही हैं।
  • इसके अलावा, 12,362 महिला कार्यालय कर्मचारी और 2,360 महिला पर्यवेक्षक प्रशासनिक और रखरखाव कार्यों में योगदान दे रही हैं।
  • 7,756 महिलाएं ट्रैक रखरखाव में काम कर रही हैं, जो पहले पुरुष प्रधान क्षेत्र माना जाता था।

यात्री सेवाओं में भी महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी

  • भारतीय रेलवे में महिलाएं सिर्फ परिचालन ही नहीं, बल्कि यात्री सेवाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
  • 4,446 महिला टिकट चेकर के रूप में कार्यरत हैं।
  • 4,430 महिलाएं ‘पॉइंट्समैन’ की भूमिका निभा रही हैं।
  • भारतीय रेलवे ने माटुंगा, न्यू अमरावती, अजनी और गांधीनगर जैसे रेलवे स्टेशनों का संचालन पूरी तरह महिला कर्मचारियों की टीमों को सौंपकर लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया है।

10 वर्षों में पांच गुना वृद्धि, रेलवे में बढ़ी महिला शक्ति

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में महिला लोको पायलट और स्टेशन मास्टर की संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई है। इसके अलावा, महिलाएं रेलवे के तकनीकी, प्रशासनिक और सुरक्षा विभागों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।

रेल मंत्री ने दी महत्वपूर्ण जानकारी

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में संसद में कहा कि रेलवे में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है और सरकार रेलवे को विश्व स्तरीय इकाई में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय रेलवे हर दिन 2.3 करोड़ यात्रियों को सस्ती दरों पर सफर कराता है और इस अभियान में महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर अपनी भूमिका निभा रही हैं।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारतीय रेलवे का नया कदम

भारतीय रेलवे में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी इस बात का संकेत है कि देश में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को लेकर सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं। रेलवे का यह कदम न केवल महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहा है, बल्कि एक समावेशी और प्रगतिशील भारत की दिशा में भी मजबूत कदम है।

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