
लखनऊ। महिलाओं को बैड टच से बचाने और पुरुषों के बुरे इरादों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कुछ प्रस्ताव दिए हैं। इसके मुताबिक पुरुषों (मेल टेलर) को महिलाओं के कपड़े नहीं सिलने चाहिए और न ही उनके बाल काटने चाहिए। इस प्रस्ताव को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने रखा, जिसका बैठक में मौजूद अन्य सदस्यों ने समर्थन किया। प्रस्ताव के अनुसार स्कूल बसों में महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती का सुझाव भी शामिल है।
बता दें, पिछले दिनों कानपुर में एक जिम ट्रेनर द्वारा शादीशुदा महिला एकता गुप्ता नाम की हत्या का मामला सामने आया था, जिसमें दोनों के बीच जिम में प्रेम हुआ, इसके बाद महिला की हत्या कर दी गई। घटना के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आयोग ने हाल ही में बैठक कर राज्य सरकार को यह प्रस्ताव भेजा है।
लगातार आ रही थीं शिकायतें, इसलिए लाए हैं प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने कहा कि जिस जिम में महिलाएं जाती हैं, उन जिमों में महिला ट्रेनर होनी चाहिए। सभी जिम ट्रेनर का पुलिस वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए। जो महिला किसी पुरुष ट्रेनर से ट्रेनिंग लेना चाहे तो उसे लिखित में देना होगा। आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने कहा कि महिला आयोग को लगातार जिम जाने वाली महिलाओं और लड़कियों के शोषण की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद यह प्रस्ताव पेश किया गया है।
महिला सुरक्षा को लेकर आयोग ने ये दिए सुझाव
- पुरुष दर्जियों पर प्रतिबंध : महिलाओं का नाप लेने के कार्य में पुरुष दर्जियों की भागीदारी पर रोक लगाने का सुझाव दिया गया है, ताकि महिलाएं अधिक सुरक्षित महसूस हो सकें।
- जिम में महिला प्रशिक्षकों की नियुक्ति : महिला जिम, योगा सेंटरों और नृत्य संस्थानों में केवल महिला प्रशिक्षकों की नियुक्ति का सुझाव दिया गया है। इससे महिला सदस्यों को अधिक सुरक्षित और आरामदायक वातावरण मिलेगा।
- सैलनू में महिला ग्राहक को अटैंड करें : सैलून में महिला ग्राहकों को सिर्फ महिला नाई ही अटेंड करें। इस तरह के पेशे में शामिल पुरुषों की वजह से महिलाओं के साथ छेड़छाड़ होती है। कई पुरुष महिलाओं के साथ गलत व्यवहार की कोशिश करते हैं।
- स्कूल बसों में महिला सुरक्षा कर्मियों की तैनाती : बच्चों की सुरक्षा और महिलाओं के प्रति सम्मान बनाए रखने स्कूल बसों में महिला सुरक्षा गार्ड या शिक्षिकाओं की तैनाती होनी चाहिए।
- महिला कर्मचारियों की नियुक्ति : महिलाओं के वस्त्रों की दुकानों में महिलाओं की सुविधा के लिए महिला कर्मियों की नियुक्ति होनी चाहिए।
यह सभी की व्यक्तिगत चॉइस का मामला है
कुकिंग में पुरुषों के हाथ के खाने के स्वाद को पसंद किया जाता है। देवीजी की मूर्तियों को भव्यता व सुंदर रूप पुरुष कलाकार देते हैं। जाने-माने पेंटर पुरुष हैं तो वे मेकअप आर्टिस्ट क्यों नहीं हो सकते। पुरुषों का होना उनकी कला की वजह से है। यूनीसेक्स सैलून में जो महिलाएं फीमेल स्टाफ से मेकअप और हेयरकट कराना चाहती हैं, उनका पूरा काम प्राइवेसी मेंटेन करते हुए कराया जाता है। यह गलत होगा कि पुरुष मेकअप आर्टिस्ट्स या हेयर ड्रेसर को महिलाओं के मेकअप या हेयरकट से रोक ही दिया जाए। यह सभी की व्यक्तिगत चॉइस का मामला है। – आसिफ खान, मेकअप एक्सपर्ट, भोपाल
ऐसे नियम बनाने से पहले विशेषज्ञों से होनी चाहिए चर्चा
किसी एक अपराध के आधार पर ऐसे नियम बनाने का औचित्य समझ नहीं आता। ऐसे तो 90 प्रतिशत से ज्यादा लेडीज टेलर और फैशन डिजाइनर जेंट्स हैं, उनका क्या होगा। सबको अपनी छवि का भी ख्याल होता है। गलत हरकत करेंगे तो कौन महिला कपड़े सिलवाने आएगी। ज्यादा हो तो आप पुलिस वेरिफिकेशन करा सकते हैं। मेरा सुझाव है कि ऐसा कोई भी नियम लाने के पहले स्टडी की जाए कि कैसे नियम प्रैक्टिकल रहेंगे। विशेषज्ञों से चर्चा कर भी जो सार निकले, उसके आधार पर नियम बने, तो ज्यादा ठीक रहेगा। – मुमताज खान, फैशन डिजाइनर, भोपाल