
भोपाल। छतरपुर जिला मुख्यालय में जनसुनवाई के दौरान एक प्रबंधक को मोबाइल पर मग्न रहने और बीच-बीच में हंसने पर माफी मांगनी पड़ी है। प्रबंधक को थमाया गया कारण बताओ नोटिस 15 दिन बाद सोशल मीडिया पर बायरल भी हो गया। अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेव ने 30 अक्टूबर को ई-गर्वनेंस के सहायक प्रबंधक केके तिवारी को नोटिस दिया। इसमें लिखा था कि वे 29 अक्टूबर की जनसुनवाई कार्यक्रम में हंसते हुए पाए गए। यह अनुशासनहीनता है और कदाचरण की श्रेणी में आता है इसलिए 4 नवंबर को समक्ष आकर लिखित में जवाब दें। उत्तर नहीं मिलने पर मान लिया जाएगा कि इस लापरवाही के लिए स्वयं उत्तरदायी हैं।
नोटिस वायरल हुआ
नोटिस के सोशल मीडिया में वायरल होने से खलबली मची। इस नोटिस को आनंद विभाग के उद्देश्यों से परे माना जा रहा है। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने कहा कि जनसुनवाई को बहुत की गंभीरता से लिया जा रहा है। यहां सहायक प्रबंधक मोबाइल पर व्यस्त और हंसते हुए देखे गए।
अपने कृत्य के लिए क्षमा मांगी
उधर, अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेव ने जवाब देने के मामले में बताया कि सहायक प्रबंधक ने मेरे समक्ष जवाब प्रस्तुत करते हुए आगे ऐसी गलती नहीं होने की बात कही है और अपने कृत्य के लिए क्षमा मांगी है।