
इंदौर/लखनऊ। 25 दिसंबर को पूरे देश में क्रिसमस धूमधाम से मनाया गया। चर्च सजाए गए, क्रिसमस पार्टियां आयोजित हुईं और सांस्कृतिक विविधता की झलक देखने को मिली। हालांकि, इस दौरान उत्तर प्रदेश के लखनऊ और मध्य प्रदेश के इंदौर में ऐसे वाकये सामने आए, जिन्होंने क्रिसमस सेलिब्रेशन को शर्मसार किया। इंदौर में सांता क्लॉज बन जोमैटो डिलीवरी बॉय फूड डिलीवर कर रहा था, तभी हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने उसे रोका और सांता क्लॉज की ड्रेस उतारने की मांग की। वहीं, लखनऊ के हजरतगंज में क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान इस्कॉन मंदिर की कीर्तन मंडली ने “हरे राम-हरे कृष्ण” के नारे लगाए।
लखनऊ में कीर्तन मंडली ने क्रिसमस पर लगाए “हरे राम-हरे कृष्ण” के नारे
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान एक अनोखा नजारा देखने को मिला। हजरतगंज में चल रहे क्रिसमस उत्सव के बीच इस्कॉन मंदिर की कीर्तन मंडली ने “हरे राम-हरे कृष्ण” के नारे लगाए। कीर्तन मंडली ने इस आयोजन में शामिल होकर सनातनी संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने की बात कही। मंडली के सदस्यों ने कहा, “हम सनातनी हैं और विभिन्न पर्वों में अपनी संस्कृति को साझा करने में विश्वास रखते हैं।”
इंदौर में सांता क्लॉज की ड्रेस पहनने पर हुआ विवाद
इंदौर में क्रिसमस के मौके पर एक विवाद ने सबका ध्यान खींचा। जोमैटो कंपनी में काम कर रहे एक फूड डिलीवरी बॉय को सांता क्लॉज की ड्रेस पहनकर डिलीवरी करने का जिम्मा सौंपा गया। हालांकि, रास्ते में हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने उसे रोक लिया और सांता क्लॉज की ड्रेस उतारने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि हिंदू त्योहारों के दौरान इस तरह के प्रतीकात्मक ड्रेस का उपयोग नहीं किया जाता है, लेकिन अन्य धर्मों के त्योहारों पर ऐसा किया जाता है।
डिलीवरी बॉय ने दी सफाई
डिलीवरी बॉय ने बताया कि यह ड्रेस उसे कंपनी की ओर से दी गई थी, ताकि क्रिसमस के मौके पर त्योहार का माहौल बनाया जा सके। लेकिन कार्यकर्ताओं ने इसे हिंदू संस्कृति के खिलाफ बताते हुए आपत्ति जताई। कार्यकर्ताओं का कहना था, “हिंदू त्योहारों पर ऐसा प्रतीकात्मक संदेश क्यों नहीं दिया जाता? क्या भगवा पहनकर डिलीवरी करने का निर्देश दिया जाता है?”
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