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स्कूल में बन रहे अपार कार्ड, छात्रों के डॉक्युमेंट्स एक जगह रहेंगे सुरक्षित

छात्रों का एकेडमिक रिकॉर्ड और उपलब्धियां हमेशा एक जगह रहेंगी स्टोर

कक्षा पहली से लेकर 12 वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए वन नेशन- वन कार्ड यानी अपार कार्ड बनने का काम स्कूल्स में तेजी से शुरू हो चुका है। स्कूल्स को अपने स्टूडेंट्स का डाटा अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। हाल में शहर में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन के स्कूल्स द्वारा पैरेंट्स से कार्ड बनाने को लेकर सहमति मांगी जा रही है, साथ ही छात्र का आधार कार्ड व माता-पिता दोनों का आधार कार्ड मांगा जा रहा है। कॉम्पिटेटिव एग्जाम और हायर स्टडी में स्टूडेंट्स के लिए यह आईडी कार्ड सहायक होगा। यह 12 अंकों की आईडी होगी। यह कार्ड स्टूडेंट्स के सभी डॉक्यूमेंट्स को सुरक्षित रखेगा।

हायर स्टडी के लिए जब फॉर्म भरेंगे तो तो स्टूडेंट्स के सभी डॉक्यूमेंट्स की कॉपी अटैच या अपलोड करने की समस्या नहीं होगी। हालांकि स्कूल्स से मिली जानकारी के मुताबिक कई बच्चों व उनके अभिभावकों के आधार कार्ड में गलती होने के कारण अपार आईडी बनाने में समस्या आ रही है। आधार कार्ड में बच्चों के नाम की स्पेलिंग, डेट ऑफ बर्थ , एड्रेस में कहीं ना कहीं कमी मिल रही है। यदि बच्चे के कागजों में सब ठीक तो अभिभावक के आधार कार्ड में सरनेम मिसमैच के मामले हैं। इन कमियों में सुधार का काम चल रहा है।

प्रभारी शिक्षक अपलोड कर रहे छात्रों का डाटा

अपार आईडी के लिए छात्र का नाम, पैरेंट्स का नाम, जन्मतिथि, जेंडर, आधार कार्ड होना चाहिए। छात्र का स्कूल प्रोफाइल में नाम और आधार कार्ड में नाम एक समान होना चाहिए। अभिभावक की सहमति एक प्रपत्र के माध्यम से लेने के बाद प्रपत्र में भरी जानकारी की जांच करके सत्यापन किया जाएगा। उसके बाद स्कूल स्तर पर प्रभारी शिक्षक स्कूल यूजर एसडीएमएस पोर्टल में लॉगइन कर, स्टूडेंट प्रोफाइल में जाकर अपार मॉड्यूल से आईडी जनरेट करेंगे।

डिजिलॉकर से भी जोड़ा जाएगा नया कार्ड

सेंट्रल एजुकेशन डिपार्टमेंट सभी स्कूली स्टूडेंट्स को ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक रजिस्ट्री (अपार) आईडी कार्ड देगा। अपार कार्ड में स्टूडेंट्स के कक्षा पहली से लेकर12वीं तक के सभी एकेडमिक रिकॉर्ड दर्ज किए जाएंगे। इसमें स्टूडेंट्स की मार्कशीट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट, अन्य एकेडमिक क्वालिफिकेशन, को- करिकुलर एक्टिविटीज से जुड़े सभी प्रमाण पत्र और उनकी उपलब्धियों के ट्रैक रिकॉर्ड रजिस्टर किए जाएंगे। यह कार्ड वन नेशन वन स्टूडेंट के तौर पर जाना जाएगा। स्टूडेंट्स का यह आईडी कार्ड पैरेंट्स की अनुमति के बाद स्कूल में ही बनाया जाएगा। आधार कार्ड की तरह इसमें 12 अंकों का यूनिक आईडी नंबर स्टूडेंट्स को दिया जाएगा। साथ ही डिजिलॉकर से भी इसे जोड़ा जाएगा। इस यूनिक नंबर के कार्ड को जब डेटा से जोड़ा जाएगा तो उसमें स्टूडेंट की पूरी एकेडमिक जानकारी एक जगह उपलब्ध हो जा हो जाएगी।

इस कार्ड को वन नेशन- वन स्टूडेंट के तौर पर अपार कार्ड जाना जाएगा। इस आईडी से ही सीबीएसई के क्रेडिट स्कोर का लाभ मिल पाएगा। इस आईडी के तहत स्टूडेंट्स को कहीं भी आवेदन करने के लिए सिर्फ अपनी आईडी का ही इस्तेमाल करना होगा। इससे वह प्रमाण पत्रों के खो जाने के भय से मुक्त हो जाएगा। पैरेंट्स की अनुमति के साथ स्कूलों में स्टूडेंट्स के लिए यह आईडी कार्ड बनाना शुरू कर दिए गए हैं। – शैलेष झोपे, प्रिंसिपल

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