
नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि जून 2025 में देशभर में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। इससे देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान नियंत्रित रहने की उम्मीद की जा रही है, जो भीषण गर्मी से राहत दिला सकती है।
जून में 108% तक वर्षा की संभावना
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने बताया कि जून माह में दीर्घकालिक औसत 166.9 मिमी के मुकाबले 108% तक अधिक बारिश हो सकती है। यह वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून के शुरुआती चरण में अच्छी शुरुआत का संकेत देती है।
किन क्षेत्रों में कितनी वर्षा का अनुमान?
- उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत : कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।
- मध्य और दक्षिण भारत : सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है। विशेषकर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आसपास के क्षेत्र, जिन्हें मानसून कोर जोन माना जाता है।
- पूर्वोत्तर राज्य, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी बारिश कम हो सकती है।
- पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के चुनिंदा इलाकों में सामान्य से कम वर्षा का अनुमान है।
तापमान पर असर
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, अधिक बारिश के चलते देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहेगा। हालांकि मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक हो सकता है।
मानसून की रिकॉर्डतोड़ समय से पहले दस्तक
इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 24 मई को केरल में प्रवेश कर लिया, जो 2009 के बाद से अब तक का सबसे शीघ्र आगमन है। 2009 में मानसून 23 मई को आया था। आमतौर पर यह 1 जून को केरल पहुंचता है, और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है।
सामान्य बारिश की परिभाषा
IMD के अनुसार, 50 वर्षों के औसत 87 सेमी के 96% से 104% के बीच वर्षा को ‘सामान्य’ बारिश माना जाता है। वर्ष 2025 के लिए अनुमान है कि 106% तक बारिश हो सकती है, जो देश के कृषि क्षेत्र और जल संसाधनों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
बारिश से किसानों को खरीफ सीजन में राहत
विशेष रूप से मानसून कोर जोन वाले राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा जहां कृषि मुख्यतः वर्षा पर निर्भर करती है, वहां सामान्य से अधिक बारिश से किसानों को खरीफ सीजन में राहत मिलने की उम्मीद है।