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ICICI लोन फ्रॉड केस: स्पेशल कोर्ट ने चंदा कोचर, उनके पति दीपक और वेणुगोपाल धूत को 14 दिन की CBI कस्टडी में भेजा

मुंबई। CBI की स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को ICICI बैंक की पूर्व CEO और प्रबंध निदेशक चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उनके साथ वीडियाकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणूगोपाल धूत को भी 14 दिनों की CBI हिरासत में भेजा गया है। सीबीआई ने तीनों की गिरफ्तारी ICICI लोन धोखाधड़ी मामले में की थी।

जांच में सहयोग न करने का आरोप

सीबीआई ने लोन फ्रॉड मामले में कोचर दंपति को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी का कहना है कि दंपति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए चंदा कोचर और उनके पति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई को चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत की तीन दिन की हिरासत मिली थी।

दीपक कोचर के वकील विक्रम चौधरी ने बताया कि ‘रिमांड में कहा गया है कि दीपक कोचर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने यह नहीं बताया कि दीपक कोचर कैसे और क्यों जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही एक जांच कर चुका है। उन्होंने कहा कि 6 महीने तक जांच चली, लेकिन जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया।

वकील बोले- गिरफ्तारी का तरीका गलत

दीपक के वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल दीपक कोचर को अमानवीय तरीके से गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि एजेंसी को उनकी गिरफ्तारी की व्याख्या करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दीपक कोचर को ईडी मामले में जमानत मिल गई थी। इसके बाद जांच एजेंसी ने जमानत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि दीपक को अमानवीय तरीके से ऐसे समय में गिरफ्तार किया गया जब उउनके बेटे की शादी तय हो गई थी। यह अवैध है। दीपक कोचर की गिरफ्तारी के बारे में स्पष्टीकरण देने की जरूरत है। यह नियमित गिरफ्तारी नहीं थी।

अपने खर्च पर ले सकेंगे बिस्तर, कुर्सी

कोचर दंपति और धूत ने इससे पहले हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच में अर्जी लगाकर अंतरिम राहत मांगी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इधर, एक अन्य अदालत में दंपति ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए एक कुर्सी, विशेष बिस्तर, गद्दे, तकिए, तौलिया, कंबल और चादरें इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने उन्हें अपने खर्चे पर इन चीजों के इस्तेमाल की अनुमति दी। कोर्ट ने उन्हें पूछताछ पूरी होने तक हर दिन एक घंटे तक अपने वकीलों से बात करने की अनुमति दी है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई हिरासत के जरूरत पड़ने पर धूत को इंसुलिन देने के लिए एक सहायक को अनुमति देंगे। सीबीआई ने शुक्रवार रात कोचर दंपति को गिरफ्तार किया था, जबकि 71 साल के धूत को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया था।

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2018 में सामने आया था फ्रॉड

चंदा कोचर पर आरोप है कि बैंक में CEO और MD रहते हुए उन्होंने अवैध तरीके से वीडियोकॉन को लोन दिया। एमडी रहते हुए 26 अगस्त 2009 को ICICI बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपए और 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपए के लोन की मंजूरी दी थी। यह फैसला आरबीआई की पॉलिसी के अनुरूप नहीं था। मामला मार्च 2018 में सामने आया था। इसके बाद चंदा को ICICI बैंक की सीईओ और एमडी पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बताया जाता है कि उन्होंने अपने पति दीपक कोचर को फायदा पहुंचाने के लिए वीडियोकॉन को लोन दिया और बाद में इसे एनपीए में डाल दिया। 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंदा कोचर और उनके पति से करोड़ों रुपए के लोन और इससे जुड़े अन्य मामलों में पूछताछ की। बाद में CBI ने चंदा कोचर पर FIR दर्ज की। चंदा कोचर के बाद उनके पति दीपक कोचर के खिलाफ ईडी ने एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की।

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