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चंदा कोचर और उनके पति की अंतरिम जमानत अर्जी बॉम्बे हाईकोर्ट से खारिज, कहा- छुट्टी के बाद संपर्क करें

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने मंगलवार को ICICI बैंक- वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी के मामले में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी। ICICI बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर ने हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मांगी थी। बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि जब कोर्ट क्रिसमस-नव वर्ष की छुट्टियों के बाद फिर से खुलेगी तो वे रेग्युलर बेंच में राहत के लिए संपर्क कर सकते हैं।

जांच में सहयोग न करने का आरोप

सीबीआई ने लोन फ्रॉड मामले में कोचर दंपति को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी का कहना है कि दंपति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए चंदा कोचर और उनके पति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई को चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत की तीन दिन की हिरासत मिली थी।

दीपक कोचर के वकील विक्रम चौधरी ने बताया कि ‘रिमांड में कहा गया है कि दीपक कोचर जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने यह नहीं बताया कि दीपक कोचर कैसे और क्यों जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले ही एक जांच कर चुका है। उन्होंने कहा कि 6 महीने तक जांच चली, लेकिन जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया।

वकील बोले- गिरफ्तारी का तरीका गलत

दीपक के वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल दीपक कोचर को अमानवीय तरीके से गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि एजेंसी को उनकी गिरफ्तारी की व्याख्या करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दीपक कोचर को ईडी मामले में जमानत मिल गई थी। इसके बाद जांच एजेंसी ने जमानत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि दीपक को अमानवीय तरीके से ऐसे समय में गिरफ्तार किया गया जब उउनके बेटे की शादी तय हो गई थी। यह अवैध है। दीपक कोचर की गिरफ्तारी के बारे में स्पष्टीकरण देने की जरूरत है। यह नियमित गिरफ्तारी नहीं थी।

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