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चैंपियंस ट्रॉफी मेजबानी से पाकिस्तान को भारी नुकसान…भारत के Pakistan न जाने पर कंगाल हुआ पड़ोसी मुल्क 

भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया है। फाइनल मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर जीत दर्ज की। यह टूर्नामेंट पाकिस्तान की मेजबानी में हुआ था, और 29 साल बाद पाकिस्तान में कोई ICC टूर्नामेंट आयोजित किया गया था। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया, जिसके चलते उसके सभी मैच दुबई में खेले गए। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान को आर्थिक रूप से भारी नुकसान हुआ। दरअसल, पाकिस्तान ने टूर्नामेंट के आयोजन पर उसने बड़ी रकम खर्च की थी।

भारत के न खेलने से पाकिस्तान को हुआ बड़ा नुकसान

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत में ही भारत ने पाकिस्तान में खेलने से इनकार कर दिया था। लेकिन भारत के पाकिस्तान में न खेलने से वहां की आर्थिक स्थिति और कमजोर हो गई। लीग मैचों में हारकर पाकिस्तान टूर्नामेंट से बाहर हो गया, जिससे वहां होने वाले मैचों में दर्शकों की संख्या काफी कम रही। टिकट भी ठीक से नहीं बिक पाए, जिससे पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ।

दरअसल, भारतीय टीम के फैंस दुनियाभर में फैले हुए हैं। इसके साथ जहां भी भारत के मैच होते हैं, वहां बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचते हैं। इससे उस देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होता है।

चैंपियंस ट्रॉफी पर कड़ोरों रुपए खर्च 

आखिरी बार पाकिस्तान में 1996 में कोई ICC टूर्नामेंट आयोजित हुआ था। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पाकिस्तान के लिए पहला बड़ा आयोजन था। इसके लिए कराची, लाहौर और रावलपिंडी के स्टेडियमों को अपग्रेड किया गया और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने इस टूर्नामेंट के आयोजन पर लगभग 64 मिलियन डॉलर (करीब 558 करोड़ रुपए) खर्च किए। इसके अलावा, हॉस्पिटैलिटी और ट्रांसपोर्ट के लिए 9 मिलियन डॉलर अलग से खर्च हुए। लेकिन भारत के पाकिस्तान में न खेलने और वहां कम दर्शक पहुंचने से उसे आर्थिक रूप से भारी नुकसान हुआ।

कितना हुआ नुकसान?

पाकिस्तान अपने देश में सिर्फ दो मैच खेल सका, जिनमें से एक कराची में हुआ। लेकिन बाकी स्टेडियम खाली नजर आए। पहले मैच में पाकिस्तान को न्यूजीलैंड और दूसरे में भारत से हार मिली, जिससे उसकी सेमीफाइनल की उम्मीदें खत्म हो गई। उसका आखिरी लीग मैच बांग्लादेश से था, जो बारिश की वजह से रद्द हो गया। पाकिस्तान को होस्टिंग फीस के रूप में करीब 52 करोड़ रुपए (6 मिलियन डॉलर) तो मिले, लेकिन टिकट बिक्री से ज्यादा कमाई नहीं हुई और विदेशी दर्शक भी कम आए, जिससे उसकी लागत ज्यादा रही और मुनाफा कम।

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